दुमका(DUMKA):गोड्डा के महागामा से कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह सड़क जाम से संबंधित एक मामले में दुमका के एमपी एमएलए की विशेष अदालत में पेश हुई, जहां कोर्ट ने विधायक सहित कुल 6 लोगों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. मामला वर्ष 2019 का है जब कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी की उत्तर प्रदेश में गिरफ्तारी हुई तो पूरे देश में कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने लगे. इसी क्रम में गोड्डा के महागामा में तत्कालीन कांग्रेस जिला अध्यक्ष दीपिका पांडेय सिंह पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रही थी. इस विरोध प्रदर्शन के कारण दीपिका पांडेय सिंह सहित कुल 6 लोगों पर नामजद प्राथमिक दर्ज हुई थी.बाद में दीपिका पांडेय सिंह महागामा विधानसभा से चुनाव जीत कर विधायक बन गई, जिसकी वजह से केस को गोड्डा से दुमका के एमपी एमएलए की विशेष अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया. जहां गुरुवार को कोर्ट ने सभी 6 लोगों को बरी कर दिया. कोर्ट का फैसला आने के बाद दीपिका पांडेय सिंह ने न्यायपालिका के प्रति आभार व्यक्त किया.
दीपिका पांडेय सिंह ने प्रदेश की राजनीति पर खुलकर बातें की
कोर्ट से बाहर निकालने के बाद विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने मीडिया से देश एवं प्रदेश की राजनीति पर खुलकर बातें की. अब तक दीपिका के गोड्डा लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी होने की चर्चा हो रही थी, जिसे आज दीपिका ने भी स्वीकार कर लिया, उन्होंने कहा कि कांग्रेस में जो भी कैंडिडेट होते हैं उन्हें अपनी उम्मीदवारी के लिए आवेदन देना होता है. उसने भी अपनी उम्मीदवारी के लिए आवेदन पार्टी को दिया है. दीपिका पांडेय प्रत्याशी होगी या नहीं यह फैसला पार्टी आला कमान का होगा. विधायक ने कहा कि बूथ स्तर पर महागठबंधन के कार्यकर्ता तैयारी में जुटी हुई है और आनेवाले लोकसभा चुनाव में सभी 14 सीटों पर महागठबंधन के प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित है.
निशिकांत दुबे को हराना सबसे आसान है- दीपिका
दीपिका ने कहा कि बीजेपी के किसी प्रत्याशी को यदि हराना सबसे आसान है तो वह गोड्डा के वर्तमान सांसद निशिकांत दुबे हैं. दीपिका का तर्क है कि निशिकांत दुबे तीन टर्म से गोड्डा लोकसभा के सांसद हैं और जिस कार्य का श्रेय वे मंच से लेते हैं वह तमाम कार्य यूपीए के समय में पारित हुआ था, अडानी के लिए गोड्डा तक तो रेल सेवा शुरू हो गई लेकिन आज तक महागामा, मेहरमा और ठाकुर गंगटी तक नहीं पहुंच पाया, उन्होंने कहा कि जब भी चुनाव का वक्त होता है, तो टेप लेकर कुछ लोग महगामा पहुंचते हैं. मापी करते हैं. यह बताते हैं कि यहां स्टेशन बनेगा लेकिन आज तक स्टेशन नहीं बन पाया.
कांग्रेस एक समंदर है जिन्हें जाना था चले गए- दीपिका पांडेय
जब उनसे पूछा गया कि झारखंड कि एकमात्र कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा बीजेपी में शामिल हो गई, इससे कांग्रेस पर क्या प्रभाव पड़ेगा? उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक समंदर है जिन्हें जाना था चले गए उस स्थान को भरने के लिए कांग्रेस में लोगों की कमी नहीं है, लेकिन उन्होंने सवाल खड़े किए कि आखिर किस परिस्थिति में लोग बीजेपी ज्वाइन कर रहे हैं, यह सभी को पता है. कहीं केंद्रीय जांच एजेंसी का दबाव होता है तो कहीं प्रलोभन दिया जाता है. दबाव या प्रलोभन के चक्कर में जो लोग जा रहे हैं, उन पर क्या कह सकते हैं. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर मेरा उनसे जुड़ रहा है. किन परिस्थिति में वह बीजेपी गई, वह पूरा झारखंड जान रहा है। उन्होंने कहा कि शुरू से ही बीजेपी झारखंड में सरकार को अस्थिर करने का प्रयास करती रही है, लेकिन यहां महागठबंधन की सरकार ने बीजेपी को करारा जवाब दिया, पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दबाव में जाने के बजाय राजनीतिक संकट टालने के लिए त्यागपत्र दिया और आज उन्हें कटघरे के पीछे रखा गया है. बीजेपी तमाम तरह का प्रयास कर चुकी है राज्य में सरकार गिराने का लेकिन अभी तक सफल नहीं हुई है और आगे भी बीजेपी को सफलता नहीं मिलेगी.
रिपोर्ट-पंचम झा
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