टीएनपी डेस्क (Tnp desk):- एक शादी नहीं हो सकी एक दुल्हन का डोली पर बैठकर ससुराल जाने के अरमान टूट गये. वजह कुछ नहीं एक अजीबो-गरीब जिद उसके जीवन साथी की थी. दूल्हे की ये मांग इतनी बेतुकी थी, कि किसी को यकीन भी नहीं हुआ कि शादी नहीं होगी.
दुल्हन के बगैर लौटी बारात
पहले जान लेते है कि आखिर वह जिद क्या थी, जिसके चलते दुल्हन बगैर बारात बैरंग लौट गयी. बताया जा रहा है कि शादी समारोह में सिंदूर दान के समय लाइट बंद नहीं करने से दूल्हा गुस्सा गाया और दुल्हन को सिंदूर देने से मना कर दिया. गणमान्य लोगों द्वारा दूल्हे को काफी समझाने -बुझाने का प्रयास किया गया. लेकिन नहीं माना. मामला बनने की बजाय लगातार बिगड़ता ही गया. जिसके चलते दुल्हन के बिना बारात को बैरंग वापस लौटना पड़ा. साथ ही लड़का पक्ष को विवाह में खर्च की गई राशि वधू पक्ष को वापस करनी पड़ी.
एक छोटी सी जिद और टूट गई शादी
यह बेहद ही अजीबो-गरीब मामला झारखंड के गढ़वा जिले के केतार प्रखंड का है. जो लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है. जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश सोनभद्र जिला अंतर्गत मकरी गांव से लड़का पक्ष बारात पूरे ताम झाम से लेकर केतार आया हुआ था. द्वार पूजा के साथ-साथ जयमाला का रस्म भी किया जा चुका था. शादी के मंडप में सभी रस्म खत्म होने ही वाला था कि लड़के के द्वारा लाइट बंद कर सिंदूर दान करने को लेकर कहासुनी हो गई. ऐसा नहीं करने पर दूल्हा ने लड़की को सिंदूर देने से इंकार कर दिया . उसे काफी समझाया गया. लेकिन, उसने किसी की बात नहीं सुनी. दूल्हे की मां ने भी अपने बेटे को खूब समझाया . लेकिन, काफी प्रयास के बाद भी दुल्हन को सिंदूर देने के लिए तैयार नहीं हुआ.
आपसी सहमति से विवाद हुआ शांत
अंत में दोनों पक्षों के सहमति से लड़की पक्ष की ओर से शादी में खर्च पांच लाख तेरह हजार निर्धारित की गई. जो बुधवार की शाम चार बजे लड़का पक्ष द्वारा लड़की पक्ष को राशि देने के बाद मामला शांत हुआ . गढ़वा जिले में ये शादी समारोह काफी चर्चा का केन्द्र बना हुआ है. सवाल लोग कर रहे है कि इतनी छोटी सी बात पर कैसे एक शादी नहीं हो सकी. इसमे लोग लड़के को हो जिम्मेदार ठहरा रहें हैं.
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