दुमका (DUMKA) : दुमका के कन्वेंशन सेंटर में द्वितीय राजकीय पुस्तकालय साहित्य उत्सव का दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया गया. इस समारोह में डीसी रविशंकर शुक्ला, एसपी अम्बर लकड़ा मौजूद थे. दो दिवसीय इस उत्सव में देश के कई संपादक, लेख़क, साहित्यकार एवं पुस्तक प्रेमी भाग ले रहे हैं.
"लिखने की प्रेरणा" विषय पर परिचर्चा
कार्यक्रम के उद्घाटन के उपरांत प्रथम सत्र में "लिखने की प्रेरणा" विषय पर परिचर्चा हुई. सत्र का संचालन फाउंडिंग मदर्स ऑफ द इंडियन रिपब्लिक के लेखक अच्युत चेतन ने किया. उन्होंने दुमका के इतिहास को बताते हुए कहा कि शेरशाह सूरी जब यहां से गुजर रहे थे तो वह एक जगह पर रुके. वहां अपने सिपाहियों से कहा कि इस टीले पर चढ़कर देखो क्या नजर आ रहा है. टीले पर चढ़कर सिपाहियों ने कहा कि नीचे एक नदी बह रही है जिसकी आकृति मोर की तरह है जिससे उस नदी का नाम मयूराक्षी पड़ा और हमारे चारों ओर जो जगह है वह पहाड़ों के दामन में है जिससे इसका नाम दुमका पड़ गया. उन्होंने कहा कि दुमका विस्थापितों का शहर है. यहां की युवक-युक्तियां नौकरी की तलाश में बड़े शहर चले जाते है. लेकिन यहां से काफी साहित्यकार उभरकर आगे भी आए हैं.
जीवन में सब कुछ करना चाहता हूँ- नवीन किशोर
सीगल बुक्स प्रकाशन के प्रकाशक नवीन किशोर ने कहा कि मेरी दिक्कत यह है कि मैं जीवन में सब कुछ करना चाहता हूँ. मेरी शुरुआत एक मंच पर थिएटर लाइटिंग डिजाइनर के रूप में हुई थी. मैं फिर से जन्म लिया एक प्रकाशक के रूप में. प्रकाशक होने के कारण कुछ लोग सोचते हैं कि मुझे अपनी प्रकाशन के लिए आसानी हुई होगी लेकिन मुझे भी उतना ही परेशानी हुई जितनी पहली बार किसी लेखक को होती है. नवीन किशोर ने 1982 में नाटक, फिल्म, कला और संस्कृति अध्ययन से संबंधित पुस्तक मुद्रण के उद्देश्य से सीगल बुक्स की स्थापना की. आज यहां कविता और कथाओं सहित साहित्य के ख्यातिप्राप्त लेखकों के पुस्तक प्रकाशित होते हैं. पॉल सेलन, इंगबोर्ग बैचमैन, जीन-पॉल सार्त्र, थॉमस बर्नहार्ड, इमरे कर्टेज़, यवेस बोनेफॉय, मो यान, महाश्वेता देवी समेत साहित्य क्षेत्र के कई दिग्गजों की पुस्तकें इनके प्रकाशन में मिल जाएंगी.
रिपोर्ट: पंचम झा
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