दुमका (DUMKA) : दुमका व्यवहार न्यायालय के न्यायिक दंडाधिकारी, प्रथम श्रेणी विजय कुमार यादव की अदालत ने छह साल पुराने सरकारी राशि की गबन के एक मामले में जामा की तपसी पंचायत के तत्कालीन पंचायत सचिव गोपाल राउत को दोषी करार देते हुए दो साल व दो लाख मुआवजा देने की सजा सुनाई. मुआवजा पीड़ित परिवार को देना होगा. वहीं साक्ष्य के अभाव में बिचौलिया पंकज यादव को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया. सरकार की ओर से एपीपी खुशबूददीन अली ने पांच गवाहों का बयान दर्ज कराया.
2017 में दर्ज कराया गया था शिकायत
जामा के तत्कालीन बीडीओ शिशिर कुमार ने 11 दिसंबर 2017 को जामा थाना में आवेदन देकर गोपाल राउत समेत पांच पर सरकारी राशि गबन करने की शिकायत की थी. आवेदन में बताया कि 30 नवंबर 2017 को शिकायत मिलने के बाद तपसी पंचायत में चल रहे मनरेगा योजना का निरीक्षण किया. लाभुक रीता देवी को 8.64 लाख से तालाब निर्माण करने की स्वीकृति मिली थी. रीता ने बताया कि पंचायत सचिव के स्तर से योजना की राशि का भुगतान किया गया. काम पूरा नहीं होने के बाद भी सचिव ने दो लाख की निकासी कर सारा पैसा गबन कर लिया.
इसी प्रकार से बागझोपा के दुईला टुडू से बिना काम के 15 हजार का काम कर एक लाख और 1.20 लाख की निकासी कर ली. पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज कर जांच की तो सारे आरोप सच साबित हुए. पुलिस ने पंचायत सचिव और बिचौलिया पंकज यादव के खिलाफ मामला दर्ज किया. अदालत में गवाह के बयान और एपीपी की बहस सुनने के बाद पंचायत सचिव को सजा सुनाई.
रिपोर्ट. पंचम झा
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