सीएम ने हड़काया तो सड़कों पर दिखने लगे एसपी और डीआईजी, पढ़े पूरी खबर


धनबाद(DHANBAD): मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने क्या झारखंड के पुलिस महकमे को सख्त निर्देश देने में विलंब कर दी. अथवा एटीएस के डीएसपी पर फायरिंग के बाद पुलिस महकमे की "जमीर" जग गई है. यह दो ऐसे सवाल हैं, जो झारखंड के हवा में तैर रहे है. मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को झारखंड की कानून- व्यवस्था ठीक करने के लिए 15 दिनों का वक्त दिया है. यह सब हुआ है डीएसपी पर फायरिंग के बाद. अमूमन अपराधी खाकी वर्दी पर फायरिंग करने की हिम्मत नहीं करते लेकिन पतरातू में ऐसा अमन साव के शूटर ने कर दी. उसके बाद पुलिस को सख्ती का आदेश दिया गया. फिलहाल स्थिति यह है कि रांची में डीआईजी और एसएसपी देर रात को वाहनों की जांच कर रहे है. अपराधियों की सूची बनाई जा रही है. रांची तक में ताबड़तोड़ फायरिंग की घटनाएं हुई.
धनबाद में कोई कोना नहीं बचा ,जहां फायरिंग नहीं हुई
धनबाद कोयलांचल की बात करें तो कोई कोना नहीं बचा ,जहां फायरिंग नहीं की गई. लोगो की जानें नहीं ली गई. लेकिन अब धनबाद पुलिस भी एक्शन में दिख रही है. सिरदर्द बने प्रिंस खान के घर डुगडुगी बजाकर इश्तेहार चिपकाया गया. प्रिंस खान के भाई गोपी खान पर शिकंजा कसने की तैयारी चल रही है. प्रिंस खान और अमन सिंह गैंग के खिलाफ भी सख्त से सख्त कार्रवाई की तयारी है. जेल में बंद गैंग के लोगों के खिलाफ विभिन्न थानों में दर्ज मुकदमों में रिमांड किया जा रहा है. 25 अगस्त '2022 को सिंदरी में हुए बवाल में सोमवार को धनबाद पुलिस ने संजय चौधरी को गिरफ्तार कर लिया है. यह गिरफ्तारी पूरी तैयारी के साथ की गई. छापेमारी तो दूसरे दबंग लक्की सिंह के घर पर भी हुई लेकिन वह फरार मिला. इस बीच पता चला है कि धनबाद जिला पुलिस अपराधियों की कुंडली खंगाल रही है. सभी थानों में सूची बनाई जा रही है.
थानों के गुंडा रजिस्टर को भी एक्टिवेट किया जा रहा
थानों के गुंडा रजिस्टर को एक्टिवेट किया जा रहा है. इसके बाद से बाद से ही यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या मुख्यमंत्री ने कड़ा निर्देश देने में विलंब कर दी या पुलिस महकमे की "जमीर" देर से जगी है. अगर पुलिस की कार्रवाई इसी तरह पहले होती तो कम से कम धनबाद के चासनाला से लेकर बाघमारा तक और बरवाअड्डा से लेकर सरायढेला तक के लोगों की जान नहीं जाती. फायरिंग गैंग से धनबाद के लोग और कारोबारी दहशत में नहीं रहते. कारोबारियों को सुरक्षा की गुहार नहीं लगानी पड़ती. अब देखना है कि यह "चार दिन की चांदनी और फिर अँधेरी रात" की कहावत होगी या पुलिस महकमा की सक्रियता आगे भी बनी रहेगी.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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