धनबाद(DHANBAD): झारखंड सरकार ने सभी जिलों में साइबर थाना खोलने की घोषणा की है. धनबाद में तो पहले से ही साइबर थाना है बावजूद साइबर अपराधी जामताड़ा और देवघर से हटकर धनबाद को ठिकाना बना लिए है. कोई भरोसा करें अथवा नहीं, लेकिन यह सच है कि धनबाद में साइबर अपराधियों की सक्रियता बढ़ गई है. पहली फरवरी को कोला कुसमा से अनिल कुमार मंडल, सूरज कुमार मंडल, दीपक कुमार मंडल गिरफ्तार हुए थे. पढ़ाई के नाम पर किराए के मकान में रह रहे थे. यह गिरोह 2 करोड़ से अधिक की ठगी की है. 12 फरवरी को शहर के जे सी मल्लिक रोड से रांची साइबर पुलिस ने देवघर के राजेश मंडल ,राहुल मंडल और छोटेलाल मंडल को गिरफ्तार किया था. वह भी किराए के मकान में ही रह रहे थे. 17 फरवरी को दिल्ली के साकेत साइबर पुलिस ने स्टील गेट से गिरिडीह के नीरज को गिरफ्तार किया था. जांच में पता चला कि ठगी के पैसे से वह ऑनलाइन खरीदारी की थी.
छात्र बनकर भाड़े पर ले रहे हैं घर
साइबर अपराधी छात्र अथवा किसी दुकान में काम करने का हवाला देकर घर किराए पर ले रहे है. इसका खुलासा पकड़े गए अपराधियों के स्वीकारोक्ति बयान से हुआ है. अभी भी शहर के कई इलाकों में किराए के मकान में साइबर अपराधी रह रहे है. बगैर पुलिस वेरिफिकेशन के मकान दे देना भी इस परेशानी का एक कारण है. पिछले 15 दिनों में 7 साइबर अपराधी धनबाद शहर से पकड़े गए है. वर्ष 2021 में भी धनबाद से 28 साइबर अपराधी पकड़े गए थे. हाल के दिनों में दिल्ली ,राजस्थान, तमिलनाडू गोवा, यूपी, उड़ीसा ,मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों की पुलिस लगातार धनबाद पहुंच रही है. वर्ष 2022 से लेकर अब तक 48 साइबर अपराधियों के पकड़े जाने की खबर है.
ग्रामीण इलाकों से हटकर शहर को बनाया ठिकाना
साइबर अपराधी फिलहाल ग्रामीण इलाकों को छोड़कर शहरों को ठिकाना बना रहे है. ग्रामीण इलाकों पर पुलिस की नजर है इसलिए भी शहर में किसी कोने के मकान में रहकर धंधे को अंजाम दे रहे है. लोगों को संदेह नहीं हो, इसके लिए कई तरह के उपक्रम किए जाते है. यह बात सही है कि धनबाद को साइबर अपराध का हब बनाने वाले लगभग सभी जामताड़ा की पाठशाला से निकले युवक है. जल्द से जल्द धनाढ्य होने की लालच में युवा इस धंधे की ओर आकर्षित हो रहे हैं और साइबर अपराधियों का समूह बन गया है. पुलिस 10-20 लोगों को गिरफ्तार करती है तो दुगुने रफ्तार में तैयार भी हो जाते है. झारखंड सरकार प्रदेश के सभी थानों में साइबर थाना खोलने की घोषणा की है ,देखना है यह थाने कब तक खुलते हैं और इसका लाभ क्षेत्र की जनता को कैसे और किस प्रकार मिलता है.
धनबाद से ब्यूरो रिपोर्ट
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