त्योहारी सीजन में भी धनबाद को नहीं मिला स्पेशल ट्रेन, जानिए क्यों


धनबाद(DHANBAD): धनबाद को एयरपोर्ट नहीं मिला, एम्स भी नहीं मिला. धनबाद को ए वन कटेगरी के स्टेशन का दर्जा जरूर मिला हुआ है लेकिन सुविधाएं नदारद. राजस्व के मामले में देश का सबसे बड़ा रेल मंडल है धनबाद. बावजूद धनबाद के साथ छल किया जा रहा है, पहले भी किया जाता था. पूजा में स्पेशल ट्रेन देने में भी धनबाद को छला गया है.
बिहार के स्टेशनों से स्पेशल ट्रेनों की बहुतायत
बिहार के स्टेशनों से स्पेशल ट्रेनों की बहुतायत है जबकि धनबाद स्टेशन से या धनबाद होकर पूजा में रेलवे एक भी स्पेशल ट्रेन नहीं चला रहा है. बिहार के अधिकांश रेलवे स्टेशन पूर्व मध्य रेलवे के अधीन आते हैं और इसी पूर्व मध्य रेलवे में धनबाद डिवीजन भी आता है. कोरोना काल के पहले बंगाल के स्टेशनों से चलने वाली पूजा स्पेशल ट्रेनों का फायदा धनबाद को मिलता था. दिल्ली, मुंबई, हरिद्वार या पंजाब के स्टेशनों के लिए दुर्गा पूजा में ट्रेनें मिलती रही है.
बंगाल से चलने वाली स्पेशल ट्रेनों का भी धनबाद को लाभ नहीं
इस बार बंगाल से चलने वाली स्पेशल ट्रेनों को भी मैन लाइन होकर यानी झाझा ,क्यूल ,पटना होकर चलाया जा रहा है. छठ के नाम पर धनबाद को एकमात्र सीतामढ़ी स्पेशल ट्रेन मिली है. ट्रेन 22 व 29 अक्तूबर और 05 व 12 नवंबर को धनबाद से चलेगी. दीपावली यानी 24 अक्तूबर के दो दिन पहले इस ट्रेन को चलाया गया है. नाम छठ स्पेशल होने के बावजूद ट्रेन को छठ के खरना के दिन चलाया जा रहा है, वह भी भारी-भरकम किराए के साथ. है न चौंकानेवाली बात कि बिहार के बरौनी, छपरा, दरभंगा, सहरसा, जयनगर, पटना, समस्तीपुर, रक्सौल, गया सहित बिहार के अन्य स्टेशनों से एक दर्जन से अधिक स्पेशल ट्रेनें चल रही हैं, लेकिन धनबाद को एक भी ट्रेन नहीं मिली.
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