धनबाद (DHANBAD) : धनबाद के तिसरा गोलीकांड में घायल अविनाश सिंह का वेटिलेटर अभी नहीं हटा है. वह अभी बयान देने की स्थिति में नहीं है. इधर, इस मामले में दर्ज प्राथमिकी में अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं होने से आक्रोश बढ़ता जा रहा है. अविनाश सिंह के पिता दिनेश सिंह ने 24 घंटे के अंदर आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है. उन्होंने पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि घटना का मुख्य आरोपी झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह के देवर एकलव्य सिंह है. विधायक के रिश्तेदार होने के कारण पुलिस अनुसंधान नहीं कर रही है.
सीसीटीवी कैमरा खंगालने के बहाने फुटेज डिलीट कर रही पुलिस
अविनाश सिंह के पिता दिनेश सिंह ने पुलिस पर घटना स्थल के सीसीटीवी कैमरा से सारा फुटेज हटाने का भी आरोप लगाया है. उनका कहना है कि पुलिस सीसीटीवी कैमरा खंगालने के बहाने फुटेज को डिलीट कर रही है. अभी तक पुलिस हाल जानने के लिए घर नहीं पहुंची है. घरवालों की सुरक्षा का भी इंतजाम नहीं किया गया है. उनका यह भी कहना है कि हमारा पूरा परिवार भाजपा का समर्थक है, इसलिए भी पुलिस हमारे साथ भेदभाव कर रही है. इधर, तिसरा थानेदार का कहना है कि वह घायल अविनाश सिंह का बयान लेने के लिए दुर्गापुर गए थे. डॉक्टरों को आवेदन भी दिया था लेकिन डॉक्टर अभी इसके लिए तैयार नहीं है. उनका कहना है कि पेशेंट अभी बयान देने की स्थिति में नहीं है. स्थिति में और सुधार होने के बाद ही वह बयान दे सकता है.
क्या है मामला
बता दें कि 8 जनवरी की रात को अविनाश सिंह को गोली मार दी गई थी. गोली मारने का आरोप झरिया विधायक के देवर व पूर्व डिप्टी मेयर एकलव्य सिंह सहित अन्य पर लगा है. पीड़ित परिवार सिंह मेंशन का समर्थक बताया जाता है और इस पूरे मामले में कोयले से रंगदारी शामिल है. पुलिस अगर इस मामले को आधार बनाकर कड़ाई से जांच करे तो आउटसोर्सिंग में कोयलांचल में जो खेल हो रहा है, उसका भी खुलासा हो सकता है. आउटसोर्सिंग से हाईवा से कोयला चोरी कर बेच दिया जा रहा है. बीसीसीएल सहित पुलिस और अन्य एजेंसियों को सब कुछ मालूम है लेकिन कोई कुछ करता नहीं है. इस घटना के पीछे भी कहीं न कहीं रंगदारी का मामला सामने आ रहा है. भाजपा नेत्री रागिनी सिंह ने कहा था कि झरिया में बिना रंगदारी दिए कोई धंधा व्यवसाय नहीं कर सकता. यह बात भी लोगों की जुबान पर है कि रंगदार गाड़ियों को किडनैप कर, कहीं दूसरी जगह लगवा देते हैं और जब उनका मोल भाव हो जाता है तो गाड़ियां रिलीज कर दी जाती है. ऐसे मामले पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज नहीं होते. बहरहाल तिसरा गोली कांड को लेकर कोयलांचल के दो मजबूत घराने सिंह मेंशन और रघुकुल आमने-सामने है. देखना है इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी होती है अथवा पुलिस की ढिलाई इसी तरह बनी रहती है.
रिपोर्ट : सत्यभूषण सिंह, धनबाद
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