मकर संक्रांति के दिन धरती पर अवतरित होते हैं देव, इस दिन क्या करने से मिलता है पुण्य, जानिए


दुमका (DUMKA) : सुप्रसिद्ध तीर्थ स्थल बाबा बासुकीनाथ धाम में मकर संक्रांति के अवसर पर शिव भक्तों की काफी भीड़ देखने को मिली. वहीं भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रबंधन और जरमुंडी पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए. मकर संक्रांति के महत्व के बारे में बताते हुए पंडा मुन्ना गोस्वामी ने कहा कि जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है, उसे "संक्रांति" कहा जाता है. इसी प्रकार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने को "मकर संक्रांति" के नाम से जाना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन देव भी धरती पर अवतरित होते हैं. आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है. अंधकार का नाश और प्रकाश का आगमन होता है.
मकर संक्रांति से जुड़ी क्या है धार्मिक मान्यता
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन गंगा नदी में स्नान करना सबसे शुभ माना जाता है. इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है. साथ ही मकर संक्रांति के दिन दान का भी विशेष महत्व बताया गया है. मकर संक्रांति की पूजा में काले तिल का खास महत्व है. इस दिन तिल से ही सूर्य देव की पूजा की जाती है. भगवान शिव को भी तिल अर्पित किया जाता है तो साथ ही तिल-गुण का प्रसाद भी इसी दिन खाया जाता है. कई स्थानों पर लोग जल में तिल डाल कर स्नान भी करते हैं.
रिपोर्ट : सुतिब्रो गोस्वामी, जरमुंडी/दुमका
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