धनबाद(DHANBAD): धनबाद नगर निगम की हड़ताल खत्म हो गई है. शनिवार से निगम के कर्मी काम पर लौट गए हैं. यह हड़ताल सशर्त खत्म हुई है. पहली शर्त है कि नगर आयुक्त के साथ धक्का-मुक्की करने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी जल्द नहीं हुई तो निगम कर्मी फिर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. दूसरी शर्त है कि नगर आयुक्त को झामाड़ा एमडी का प्रभार छोड़ना होगा. इसके कर्मचारी अक्सर कार्यालय आकर कामकाज बाधित करते हैं. इसे परेशानी होती है. तीसरी शर्त है कि कार्य बहिष्कार अवधि को कार्य अवधि के रूप में रूपांतरित किया जाए.
चौथी शर्त है कि कार्यालय की सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर 15 होमगार्ड जवानों को तैनात किया जाए. 7 फरवरी की शाम नगर आयुक्त के साथ कथित धक्का-मुक्की के बाद निगम कर्मी हड़ताल पर चले गए थे. 10 फरवरी की शाम वार्ता के बाद हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की. इधर, निगम कर्मियों की हड़ताल ने शहर को कचरे में तब्दील कर दिया है. प्रतिदिन 400 टन कचरा निकलता है. 3 दिन में केवल सड़कों पर ही 1200 टन कचरा पसर गया है.
जल्द से जल्द शहर की सफाई कारण एके प्रयास में जुटा निगम
निगम की मानें तो जल्द से जल्द कचरे को उठाने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. सफाई कार्य में लगी कंपनी को वाहनों की संख्या बढ़ाने को कहा गया है. निगम का प्रयास होगा कि जल्द से जल्द शहर की सफाई हो सके. जो भी हो निगम की हड़ताल ने कई सवाल खड़े किए हैं. आज नहीं तो कल इन सवालों का जवाब पुलिस को भी देना होगा और निगम के कर्मियों को भी. इधर, पुलिस ने शुक्रवार को मृत कर्मियों के आश्रितों को नोटिस दिया है और एक सप्ताह के भीतर अनुसंधानकर्ता अथवा न्यायालय में अपने पक्ष रखने को कहा है. निगम और आश्रितों की लड़ाई अब राजनीतिक रूप लेने लगी है. सुखद बात है कि 3 दिन की हड़ताल के बाद निगम कर्मी काम पर लौट गए हैं और शहर की सफाई शुरू हो गई है.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह, धनबाद
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