सावधान! खाद्य सामग्री घर ले जाने से पहले जान लें कहीं मीठा जहर तो नहीं ले जा रहे है


धनबाद (DHANBAD): धनबाद में किडनी मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इसके साथ ही मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री भी उसी रफ्तार में बढ़ रही है. जांच पड़ताल के नाम पर तो कुछ होता नहीं, नतीजा है कि अधिक मुनाफा कमाने के लिए कारोबारी लोगों की जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. जांच के नाम पर त्योहारी सीजन में कुछ मिठाई दुकानों की जांच हो जाती है, उनकी भी रिपोर्ट का खुलासा बहुत दिनों बाद होता है, तब तक लोग मिलावटी सामान उपयोग में लाते रहते हैं.
हाट बाजार में जाइए तो रंगी हुई सब्जियां मिल जाएंगी, मिठाई दुकानों में भी मिलावटी सामानों की बिक्री की लगातार शिकायतें मिलती रहती हैं, इसकी रोकथाम के लिए जो एजेंसी है, वह सक्रिय नहीं है. नतीजा है कि मुनाफा खोर लोगों में कोई भय नहीं रह गया है. ताजा मामला आया है झरिया के भौरा इलाके से, जहां लोगों का आरोप है कि उन्हें जन वितरण प्रणाली की दुकान से मिलावटी चावल दिया जा रहा है. चावल में प्लास्टिक के दाने हैं. खाने पर एक तो कोई स्वाद नहीं मिलता, ऊपर से खाने वाले बीमार पड़ जा रहे हैं .इस शिकायत के बाद जितने लोग चावल ले गए हैं ,सारे लोग उसे वापस करने के लिए व्याकुल है .
एफसीआई गोदाम से मिल रहे सामानों का ही किया जा रहा वितरण - दुकानदार
दुकानदार का कहना है कि चावल उन्हें एफसीआई गोदाम से मिला था, उसी चावल का उसने वितरण किया है. इधर, प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि चावल का सैंपल जांच के लिए भेजा जाएगा, रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. आपको बता दें कि सरकार की व्यवस्था इतनी लचर है कि कोई कार्रवाई नहीं की जाती .धनबाद के माडा परिसर में एक राष्ट्रीय स्तर की प्रयोगशाला थी, जो बंद हो गई है, उस प्रयोगशाला से एकीकृत बिहार की बात कौन कहे ,बाहर के प्रदेशों से भी जांच के लिए सैंपल आते थे, लेकिन अब यह प्रयोगशाला पूरी तरह से बंद हो गई है .किसी भी जब्त सैंपल को जांच के लिए रांची के नामकुम में भेजा जाता है और वहां से रिपोर्ट आने में काफी वक्त लग जाता है.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह, धनबाद
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