आंगनबाड़ी सेविकाओं ने निकाली आभार यात्रा, गोड्डा के पूर्व विधायक संजय यादव भी हुए शरीक


दुमका (DUMKA): दुमका के पुराना समाहरणालय परिसर में झारखंड प्रदेश आंगनबाड़ी सेविका सहायिका वर्कर्स यूनियन के बैनर तले आभार यात्रा निकाली गई. जिले के विभिन्न प्रखंडों से काफी संख्या में आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका आभार यात्रा में शामिल हुई. पुराना समाहरणालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि गोड्डा के पूर्व विधायक संजय यादव, दुमका के जिला परिषद अध्यक्ष जायज बेसरा और यूनियन के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बालमुकुंद सिन्हा शरीक हुए.
क्या है मुद्दा
दरअसल झारखंड में आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका 9 सूत्री मांगों को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रही थी. पूर्ववर्ती सरकार के समय में 52 दिनों तक हड़ताल किया था. इसके बावजूद पूर्वर्ती सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया. उस वक्त हेमंत सोरेन विपक्ष में थे और उन्होंने उस धरना स्थल पर आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका को भरोसा दिलाया था कि अगर झामुमो की सरकार बनती है तो उनकी तमाम मांगों को पूरा किया जाएगा. हाल ही में कैबिनेट से हेमंत सोरेन की सरकार ने आंगनवाड़ी सेविका और सहायिका की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए उसे पारित कर दिया. इसके पारित होने से आंगनवाड़ी सेविका सहायिका के मानदेय में वृद्धि के साथ-साथ कई फायदे होंगे जिससे सेविका सहायिका काफी खुश नजर आ रही है और सरकार के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए आज आभार यात्रा निकाली है.
सेविका सहायिका को सरकार का बड़ा तोहफा
कार्यक्रम के दौरान शिकारीपाड़ा के झामुमो विधायक नलिन सोरेन की पत्नी सह दुमका जिला परिषद अध्यक्ष जायज बेसरा ने कहा कि आज पूरे झारखंड में आंगनबाड़ी सेविका सहायिका नाच रही है. इनके चेहरे की खुशी बता रही है कि सरकार ने इन्हें कितना बड़ा तोहफा दिया है. इसलिए यह अपने विधायक और सरकार के प्रतिनिधि को धन्यवाद देने के लिए आभार यात्रा निकाली है. लेकिन रांची में बैठक होने के कारण यूपीए के तमाम विधायक रांची में है तो आज उन्होंने विधायक के बदले इन आंगनवाड़ी सेविका सहायिका का धन्यवाद स्वीकार किया. उन्होंने कहा कि गुरु जी के सपने को उनका पुत्र हेमंत सोरेन ने साकार कर दिया.
सोरेन सरकार ने किया अपना सभी वादा पूरा
वहीं गोड्डा के पूर्व राजद विधायक संजय यादव ने कहा कि इनकी यह मांग काफी पुरानी थी. लेकिन पिछली सरकार ने इनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया. वर्तमान हेमंत सोरेन की सरकार ने जो भी चुनावी एजेंडा था उसे एक-एक कर हुबहू पूरा किया जा रहा है. उसी कड़ी में आंगनबाड़ी सेविका सहायिका की मांगों को पूरा किया गया है. उन्होंने कहा कि तभी तो कहते हैं हेमंत है तो हिम्मत है. झारखंड बनने के बाद से लगभग 18 वर्षों तक भाजपा ने यहां राज किया लेकिन इन गरीब लोगों की मांग पर कभी विचार नहीं किया. उल्टे जब यह अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करते थे तो इनके ऊपर लाठियां बरसाई जाती थी. उन्होंने कहा कि चुनाव के वक्त आश्वासन तो सभी देते हैं, लेकिन उसे पूरा यूपीए सरकार ही करती है क्योंकि यूपीए सरकार काम पर विश्वास करती है.
केंद्र सरकार से होगी अगली लड़ाई
वहीं यूनियन के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बालमुकुंद सिन्हा ने युवा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को दीर्घायु होने की कामना की. उन्होंने कहा कि यूनियन की जो भी मांगे थी उसे पूरा कर दिया गया है. अब अगली लड़ाई केंद्र सरकार से लड़नी है और केंद्र सरकार के समक्ष उनकी 1 सूत्री मांग है कि आंगनबाड़ी सेविका सहायिका को केंद्रीय कर्मचारी का दर्जा दिया जाए. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार महिला सशक्तिकरण का खोखला नारा देती है. पूरे देश में लगभग 27 लाख आंगनबाड़ी केंद्र हैं और 54 लाख आंगनवाड़ी सेविका और सहायिका है. अगर केंद्र सरकार हमारी मांगों को मान लेती है तो समझा जाएगा की नारी सशक्तिकरण का नारा सही है अन्यथा वह नारा खोखला ही साबित होगा. उन्होंने कहा कि 10 महीने से आंगनवाड़ी सेविका सहायिका को केंद्रीय मानदेय नहीं मिला है जिससे इन्हें काफी परेशानी हो रही है. अगर 24 सितंबर तक केंद्रीय मानदेय नहीं मिला तो राज भवन के सामने ही धरनार्थी के रूप में आंगनवाड़ी सेविका सहायिका का दशहरा व्यतीत होगा.
रिपोर्ट: पंचम झा, दुमका
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