रांची(RANCHI): देश में एक टैक्स केंद्र सरकार ने लागू किया. जिसे हम और आप GST के नाम से जानते है. लेकिन धनबाद में एक दूसरा टैक्स भी लगता है. इस टैक्स का नाम CST है. यह टैक्स सरकार को नहीं बल्कि धनबाद के DON प्रिंस खान का लगता है. प्रिंस खान ने रंगदारी को नया नाम CST दिया. CST का मतलब भी समझ लीजिए. “छोटे सरकार का टैक्स” इस टैक्स को वसूल करने का तरीका भी अलग है. छोटे सरकार के गुर्गे पहले पर्चा फेकते है और इस पर्चे में ही पूरी डिटेल्स रहती है. कितना रकम की मांग की गई है. और पूरी कहानी क्या है.
दरअसल झारखंड में तो कई गैंगस्टर है. लेकिन सबसे सुर्खियों में धनबाद का डॉन प्रिंस खान रहता है. प्रिंस खान तो खुद विदेश में है. लेकिन इसका गैंग पूरे कोयलांचल में सक्रिय है.बस प्रिंस का एक इशारा और धनबाद में काम तमाम हो जाता है. टेंडर, कोयला और कारोबारी इसके निशाने पर है. अब तो सीधे धमकी के बाद गोली चलाने की वारदात दो अंजाम देने से जरा भी परहेज नहीं कर रहा है.
वारदात के बाद भी एक पर्चा सामने आता है. जिसमें अधिकतर जिक्र मेजर का होता है. पर्चे में लिखा रहता है कि हम छोटे सरकार के शूटर मेजर है. छोटे सरकार को बिना मैनेज किए हुए कोई काम पूरा नहीं कर सकते है. कोयला, लोहा, जमीन, टेंडर, Drm और बिल्डर बिना मैनेज किए हुए कोई काम नहीं कर सकते है. इन सब काम को करने से पहले CST देना पड़ेगा.
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