मुठभेड़ में घायल सीआरपीएफ जवान की मौत, मेडिका अस्पताल में ली अंतिम सांस, जानिए पूरा मामला


रांची(RANCHI): - चतरा के प्रतापपुर में नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ में घायल जवान की मौत हो गई है. यह मुठभेड़ 18 सितंबर को हुई थी. इसी दौरान सीआरपीएफ जवान चितरंजन कुमार घायल हो गए थे. उन्हें एअरलिफ्ट करके रांची लाया गया था. रांची के मेडिका अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. उन्हें कमर और पेट में गोली लगी थी. डॉक्टरों के अनुसार गोली उनके अंदरूनी हिस्से में लगी थी जिस कारण से रक्त स्राव ज्यादा हो गया. इसी कारण उनकी मौत हो गई. डॉक्टरों ने उन्हें बचाने का पूरा प्रयास किया. सीआरपीएफ जवान चितरंजन कुमार के निधन से सुरक्षाबलों में शोक है. चितरंजन कुमार की मौत की सूचना मिलने के बाद झारखंड पुलिस के कई वरीय अधिकारी मेडिका हॉस्पिटल पहुंचे. बहादुर चितरंजन कुमार को पुलिस अधिकारियों ने श्रद्धांजलि दी. बता दें कि नक्सलियों के खिलाफ चतरा में सर्च ऑपरेशन के दौरान चितरंजन कुमार को मुठभेड़ में गोली लगी थी.
आखिरकार लाल आतंक का शिकार हो गया सीआरपीएफ का एक जवान. यह वाकया तब हुआ है जब देश के गृह मंत्रालय का रिपोर्ट आया कि लाल आतंक का अब देश में खात्मा हो गया है. लेकिन झारखंड और बिहार के सीमावर्ती क्षेत्र के चतरा में माओवादियों और पुलिस की मुठभेड़ में सीआरपीएफ का एक जवान घायल हो गया था जिसे एअरलिफ्ट कर बेहतर इलाज के लिए झारखंड की राजधानी रांची लाया गया था. लेकिन दुर्भाग्य से आज वह जवान शहीद हो गया है. सरकारी डेटा के अनुसार भले ही लाल आतंक का खात्मा हो गया हो लेकिन अभी भी एक बार फिर लाल आतंक के खिलाफ पुरजोर अभियान चलाने की जरूरत है.
रांची के सीआरपीएफ 133 बटालियन मुख्यालय में अंतिम सलामी दी जाएगी. चतरा से 190 बटालियन के कमांडेंट मनोज कुमार समेत शीर्ष अधिकारी रांची रवाना हो गए हैं. सीआरपीएफ जवान चितरंजन बिहार के राजगीर जिले के रहने वाले थे. जवान के शहीद होने की खबर से बटालियन मुख्यालय समेत पुलिस महकमे में शोक की लहर है. रांची से ही शहीद के शव को पूरे सैनिक सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव राजगीर भेजा जाएगा.
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