धनबाद(DHANBAD) : कोयला व खान संसदीय स्थाई समिति की बैठक 17 दिसंबर को दिल्ली में प्रस्तावित है. इस बैठक में राज्यसभा और लोकसभा के 31 सदस्य शामिल हो सकते है. इसके साथ ही यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या इस बैठक में कोल इंडिया की किसी तीसरी अनुषंगी इकाई में विनिवेश को हरी झंडी मिलेगी? जिन कंपनियों के नाम चर्चा में है, उनमें एमसीएल, ईसीएल और सीसीएल शामिल है. हो सकता है कि तीन में से किसी एक कंपनी में विनिवेश पर गंभीर मंथन हो या हरी झंडी मिले. बता दें कि कोल इंडिया के अनुषंगी इकाई बीसीसीएल और सीएमपीडीआईएल की 25% हिस्सेदारी बेचने के लिए विनिवेश की अनुमति मिल चुकी है.
बहुत जल्द ही शेयर बाजार में दोनों कंपनियों की लिस्टिंग हो जाएगी. संभावना है कि अगले साल जून महीने तक आईपीओ बाजार में आ जाएगा. दो कंपनियो में विनिवेश की अनुमति मिलने के बाद तीसरी कंपनी के लिए बैठकों का दौरा शुरू हो गया है. सूत्र बताते हैं कि 17 दिसंबर की बैठक में अगर अनुमति नहीं भी मिली तो तीसरी कंपनी में विनिवेश की अनुमति पर गंभीर मंथन हो सकता है. कोयला उद्योग राष्ट्रीयकरण के बाद बीसीसीएल पहली बार मुनाफे में आई है.
जानकारी के अनुसार बीसीसीएल और सीएमपीडीआईएल के आईपीओ के लिए प्रक्रिया तेज हो गई है. कंपनी के मूल्यांकन की दिशा में भी काम शुरू है. जनवरी के प्रथम सप्ताह में बैंकर व बुक रनिंग लीड मैनेजर की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. वैसे भी कोल इंडिया में प्राइवेट प्लेयर्स की भूमिका बढ़ती जा रही है. रेगुलर कर्मचारी घटते जा रहे है. आउटसोर्स कंपनियों का दबदबा बढ़ता जा रहा है. यह बात भी सच है कि कोल इंडिया का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है. पहली नवंबर" 2024 को कोल के गठन के 50 साल पूरे हो गए है. इस कंपनी को महारत्न कोयला कंपनी का भी दर्जा प्राप्त है. यह बात भी सच है कि 1975 में, जहां कोल इंडिया का उत्पादन लगभग 90 मिलियन टन था. वही 2024 में इस कंपनी का उत्पादन 775 मिलियन टन के करीब पहुंच गया है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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