धनबाद(DHANBAD): ऐतिहासिक शहर है धनबाद की झरिया, लेकिन आज इस शहर पर ऐसी कुदृष्टि पड़ी है कि अब बच्चे इस शहर को प्रदूषण मुक्त करने का आंदोलन शुरू किए है. जमीन के नीचे आग और ऊपर बिंदास जिंदगी के कारण झरिया देस ही नहीं बल्कि विदेश में भी मशहूर है. यह शहर 350 साल पुराना बताया जाता है. झरिया पर दशकों तक राजाओं ने राज किया. 350 साल पहले रीवा राजघराने के चार भाई अपने शासन का विस्तार करने के लिए झरिया पहुंचे थे. झरिया में आज भी राजा के पुराने और नए महल इस शहर की गाथा गा रहे है. लेकिन आज यह शहर बूढ़ा हो गया है फिर भी इसकी हड्डियों में अभी जान है. झरिया को कोई छोड़ना नहीं चाहता.
जिंदगी दांव पर फिर भी नहीं छोड़ रहे झरिया
जिंदगी दांव पर लगाकर लोग रह रहे हैं लेकिन झरिया छोड़ नहीं रहे है. इधर, झरिया अनदेखी के कारण प्रदूषित शहर बन गई है और अ वैज्ञानिक ढंग से कोयला खनन इसका प्रमुख वजह बताया जाता है. फिलहाल झरिया में रहने वाले लोगों की आयु 10 साल घट गई है, फिर भी झरिया तो झरिया है. इधर ,मार्क्स गेनर स्कूल ऑफ लर्निग ने गणतंत्र दिवस पूर्व संध्या पर गुरुवार को बच्चों की शुद्ध सांसों की पुकार कार्यक्रम के तहत झरिया के नीचेकुल्हि से बनियाहिर , होते हुए शमसेर नगर, थाना मोड़ से ऊपर कुल्हि तक वायु प्रदूषण के खिलाफ बच्चों ने बीसीसीएल एवं सरकार से बचने की अपील की.
हाथों में तख्तियां लिए बच्चे मांग रहे थे न्याय
हाथों में तख्तियां लिए बीसीसीएल ने छीना बचपन, प्रदूषण से है बिगड़ा तन मन , गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर बचपन करे पुकार, प्रदूषण मुक्त जीवन का दो अधिकार , डी सी अंकल थोड़ा प्यार दे दो, शुद्व साँसों का अधिकार दे दो की तख्तियां हाथो में लेकर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा. युथ कॉन्सेप्ट के संयोजक अखलाक अहमद ने कहा ने कहा जनतंत्र , प्रजातंत्र , लोकतंत्र के होते हुए भी वायु प्रदूषण के कारण झरिया संकट में है. प्रदूषण बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल रहा है. वायु प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि अजन्मे बच्चे भी शिकार हो रहे हैं और इनका दोषी बीसीसीएल की आउटसोर्सिंग कंपनियां है. झरिया के लोग आउटसोर्सिंग के धूल कण से परेशान है. गर्भवती महिलाओं के शरीर मे ऑक्सीजन की कमी हो रही है और प्रभावित हो कर गर्भस्थ शिशु दिव्यांगता के शिकार हो रहे है.
हर घर में बीमारों की हो गई है भरमार
आज प्रदूषण के कारण हर घर में एक सांस की बीमारी के लोग रहते है. मार्क्स गेनर स्कूल ऑफ लर्निग के प्रधानाध्यापक अरशद गद्दी ने कहा कि झरिया की हवा दिल्ली से ज्यादा जहरीली हो गई है. बच्चे बीमार हो रहे हैं , छोटी उम्र में बड़ी बीमारियों के शिकार हो रहे हैं , बच्चों में चिड़चिड़ापन बढ़ गया है. पढ़ाई बाधित हो रही है. वृद्धजनों की स्थिति ज्यादा खराब है. उन्होंने कहा कि अब तो सांसो पर भी संकट हो गया है. झरिया में प्रदूषण के कारण व्यापार प्रभावित हो रहा है. जागरूकता कार्यक्रम में , अरशद गद्दी, अखलाक अहमद, शमसाद आलम, अभिमन्यु कुमार, सुन्नी रजक, किशोर लाल केशरी, देवेंद्र तांती, फिरोज इकबाल, आफताब आलम, मुस्तफा शाह, शादाब अंसारी, चाहत परवीन, शाकिब, शुमाया, कन्हैया, सदाब अंसारी आदि आदि मुख्य रूप से मौजूद थे.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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