बदलती होली-ए बनवारी तोहर सोने के केवाड़ी, दूगो गोइठा देत, अब नहीं सुनाई देती ऐसी आवाज़ 

बदलती होली-ए बनवारी तोहर सोने के केवाड़ी, दूगो गोइठा देत, अब नहीं सुनाई देती ऐसी आवाज़