धनबाद(DHANBAD): धनबाद में कोयला चोरी को लेकर बीसीसीएल मुख्यालय, कोल इंडिया मुख्यालय सहित सीआईएसएफ मुख्यालय चिंतित है. लगातार बैठकें हो रही है. तरकीब ढूढे जा रहे हैं ,हाईटेक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है लेकिन कोयला चोरी रुक नहीं रही है. अब तो कोयला चोरों का गैंग छापामार दल को भी रोक दे रहे है. मंगलवार को सीआईएसएफ के एडीजी धनबाद में थे. उन्होंने प्रशासनिक, पुलिस सहित सीआईएसएफ एवं बीसीसीएल के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की. बैठक में कई सुझाव भी आए, सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि बीसीसीएल प्रबंधन को सुझाव दिया गया कि 500, 1000 टन का भी ई ऑक्शन निकला जाये.
500, 1000 टन का भी ई ऑक्शन करने का सुझाव
इससे छोटे- छोटे कारोबारी भी ई ऑक्शन में भाग ले सकेंगे. अभी तक बीसीसीएल बड़ी मात्रा में कोयले का ऑक्शन निकलती रही है. जिसमें छोटे लोग पूंजी के अभाव में भाग नहीं ले पाते है. ऐसा होने से छोटे कारोबारी भी ऑक्शन में हिस्सा ले सकते है. दूसरी एक बड़ी बात हुई कि छोटे-छोटे कोयला चोरों पर कार्रवाई करने के बजाय बड़े वैसे लोगों की सूची तैयार की जाए, जो खुद तो नहीं लेकिन गैंग बनाकर कोयला चोरी करवाते है. ऐसे लोगों की सूची बनाकर उन पर कार्रवाई की जाये. निर्णय हुआ है कि छोटे -छोटे गैंग के बजाय मास्टरमाइंड लोगों पर कार्रवाई हो, तो तस्करी और अवैध खनन पर बहुत जल्द रोक संभव है. पुलिस को भी कुछ सुझाव दिए गए है. एडीजी ने कहा की लीज होल्ड एरिया या कहीं भी अवैध खनन हो रहा है तो पुलिस को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए.
बॉडीकेन कैमरे का अब होगा उपयोग
यदि निर्णय हुआ है कि कोयला तस्करी एवं अवैध खनन को लेकर संवेदनशील इलाकों में तैनात सीआईएसएफ के जवान बॉडीकेन कैमरे से लैस होंगे. जवानों के शरीर पर कैमरा लगा होगा, हमला कर भागने वाले कोयला तस्कर की पूरी गतिविधियां रिकॉर्ड हो जाएगी. ट्रायल के लिए 5 कैमरे लाए गए है. मंगलवार को इसका ट्रायल भी किया गया. देखना है लगातार बड़ी-बड़ी बैठकों का नतीजा क्या निकलता है. धनबाद कोयलांचल में कोयला चोरी कुटीर उद्योग बन गया है. कोयला चोरी और तस्करी में बड़े-बड़े गैंग सक्रिय है. बीसीसीएल में संचालित आउटसोर्सिंग कंपनियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है. छापामारी करने जाने वाली टीम पर कोयला चोर और तस्कर अपने आकाओं के इशारे पर हमला बोल दे रहे है. एक अनुमान के अनुसार बीसीसीएल से जितना कोयला उत्पादन होता है, उससे थोड़ा बहुत ही कम कोयले की चोरी होती है.
लगातार बदले जा रहे तकनीक
बीसीसीएल की ओर से लगातार नई तकनीकों का इस्तेमाल हो रहा है लेकिन इसका परिणाम बहुत सार्थक नहीं दिख रहा है. धनबाद के उपायुक्त के सुझाव पर बीसीसीएल प्रबंधन ने आउटसोर्सिंग कंपनियों का अभी हाल ही में सुरक्षा ऑडिट कराया तो पता चला कि आउटसोर्सिंग कंपनियां एनआईटी के शर्तों का पालन नहीं कर रही है. बीसीसीएल में तो भूमिगत खदानों की प्रथा धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है. 90% से अधिक कोयले का उत्पादन आउटसोर्सिंग कंपनियां कर रही है. झुंड के झुंड कोयला कटाने चोर पहुंचते हैं और काट कर ले जाते है. दुर्घटनाएं भी होती है. सीआईएसएफ के जवानों पर भी कोयला चोर हमला बोल देते है. कोयला चोरी को लेकर अब तक जितने उपाय किए जा रहे हैं, बहुत कारगर साबित नहीं हो रहे है. इधर, निर्णय हुआ है कि कोयला काटने वालों के बजाय जो लोग करवा रहे हैं, उन्हें सलाखों के पीछे भेजा जाए.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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