जमशेदपुर(JAMSHEDPUR): दीपावली का त्योहार आने वाला है और इस पर्व की खुशियां सबसे ज्यादा बच्चों को होती है. बच्चे इस पर्व को लेकर काफी उत्साह में रहते हैं. अच्छी-अच्छी मिठाइयां, रंग-बिरंगी लाइटें और पटाखे बच्चे को काफी खुश करती है. लेकिन कई ऐसे बच्चे भी होते हैं जिन्हें ये खुशियां नहीं मिल पाती है और वैसे ही बच्चों के चेहरे पर खुशी लाने का एक प्रयास किया है पूर्वी सिंहभूम जिला पार्षद के पूर्व उपाध्यक्ष सह भाजपा के किसान मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह ने.
कई सामानों का किया वितरण
राजकुमार सिंह बोड़ाम प्रखंड के सबसे बिहड़ और पहाड़ी इलाके में पहुंचे और आदिम जनजाति के बच्चों को मिठाईयां , फुलझरी और घर में दीपावली के दिन रोशनी रहे इसके लिए मिट्टी के दीये और सरसो के तेल समेत कई सामान बांटी. पटाखे और मिठाईयां देखकर बच्चे काफी खुश दिखे.
आदिम जनजाति के पास सुविधा और पैसे का आभाव
दरअसल, दीपावली में जहां शहर में रौनक, विद्युत सज्जा होती है. वहीं, ग्रामीण क्षेत्र के लोग अपने घरों में केवल दीये और मोमबत्ती से ही लोग दीपावली का उत्सव मनाते हैं. वहीं, बात अगर आदिम जनजाति की करें तो उनके पास कुछ नहीं होता है. इन परिवारों में भी दीपावली के पर्व पर खुशियां आए बच्चों के चेहरे पर हंसी रहे इसको लेकर राजकुमार सिंह ने सभी परिवार के बीच साम्रगी बांटी.
चेहरे पर मुस्कान लाने का छोटा प्रयास : राजकुमार सिंह
बता दें कि बोड़ाम प्रखंड के ग्रामीण उपहार पाकर काफी खुश दिखे. वहीं, पाकोटोड़ा निवासी सुरेन सबर ने बताया कि राजकुमार सिंह की ओर से उन्हें त्योहार के मौके पर वस्त्र समेत अन्य सामान दी जाती है. इस संबंध में राजकुमार सिंह ने कहा कि दीपावली के पूर्व जिस तरह अन्य परिवारों के लोग दीये जलाकर जीवन में प्रकाश का अनुभव करते हैं, उसी प्रकार समाज के अंतिम पायदान पर खड़े आदिम जनजाति समुदाय के लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए उनका एक छोटा सा प्रयास है ताकि उनके घरों में भी रोशनी फैले. उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नारा है लोकल फॉर वोकल उसी नारे को चरितार्थ करते हुए मिट्टी के दीये खरीदकर उनके बीच बांटा गया.
रिपोर्ट: रंजीत कुमार ओझा, जमशेदपुर
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