धनबाद(DHANBAD) | देश की कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया की अनुषंगी इकाई भारत कोकिंग कोल् लिमिटेड (BCCL ) में 2026 तक सरप्लस मैनपावर की समस्या खत्म हो जाएगी. बीसीसीएल के पास फिलहाल 3800 कोयलाकर्मी जरूर से ज्यादा है. सरप्लस कर्मियों पर लगभग 95 करोड रुपए से अधिक अतिरिक्त खर्च हो रहे है. जानकारी के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष में कंपनी के 1800 से अधिक कर्मी रिटायर्ड हो जाएंगे. अगले वित्तीय वर्ष में बीसीसीएल के पास सरप्लस कर्मियों की संख्या घट जाएगी. यह सब बातें बीसीसीएल बोर्ड की बैठक में उठी है. विशेष बात यह है कि मैनपॉवर बजट पर चर्चा के दौरान यह भी निर्णय हुआ की अनुकंपा या जमीन के बदले बीसीसीएल में नौकरी पाने वाले युवक- युवतियों में यदि योग्यता है, तो कंपनी जनरल मजदूर यानी कैटोगरी वन का काम उनसे नहीं कराएगी. योग्यता के अनुसार काम दिए जाएंगे. इसके लिए कंपनी ने सर्वे कराने का निर्णय लिया है. आगे ऐसे योग्य कर्मियों को प्रोन्नति में सहूलिया दी जाएगी. बीसीसीएल बोर्ड की पहले हुई बैठक में भी इस पर चर्चा हुई थी. कंपनी हित में बोर्ड की बैठक में इस पर सहमति बनी है.
डीजीएमस इसी साल लेगा परीक्षा
डिपार्टमेंटल कर्मियों को प्रशिक्षण देकर माइनिंग सरदार बनाने के लिए "उत्थान योजना" के लिए चयनित कर्मियों की डीजीएमस की ओर से इस साल के अंत तक परीक्षा ली जाएगी. इसके बाद माइनिंग सरदार के खाली पदों को इन्हीं कर्मियों से भरा जाएगा. अब बीसीसीएल में योग्यता को ध्यान में रखकर कर्मियों की पोस्टिंग होगी. जिन कर्मियों में जिस विभाग से संबंधित योग्यता होगी, उनका बेहतर उपयोग करने को ध्यान में रखकर उनकी पोस्टिंग की जाएगी. यह कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है. पता चलता है कि वित्तीय वर्ष 24- 25 के लिए रेवेन्यू बजट को भी स्वीकृति दी गई है. 45 मिलियन टन कोयला उत्पादन के साथ 1000 करोड रुपए मुनाफे के अनुमान का बजट पास किया गया है. बता दें कि कोल् इंडिया और उसकी अनुषंगी कंपनियों में अनुकंपा पर नौकरी देने, जमीन के बदले नौकरी देने का प्रावधान है. लेकिन अब बीसीसीएल इन कर्मियों से उनकी योग्यता के अनुसार काम लेने का फैसला लिया है. यह कर्मियों के हित में भी है, तो कंपनी के लिए भी लाभदायक साबित हो सकता है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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