धनबाद(DHANBAD) | धनबाद में रहकर बिहार में बालू का खनन कराने वालों पर प्रवर्तन निदेशालय का शिकंजा कस गया है. ब्राडसंस कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड और आदित्य मल्टीकॉम प्राइवेट लिमिटेड के निर्देशको और उनसे जुड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई तेज चल रही है. शुक्रवार ने धनबाद के ही पुंज सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है. इसके पहले भी कई गिरफ्तारियां हुई है. गिरफ्तार लोगो में धनबाद और पटना के लोग शामिल है. लेकिन सर्वाधिक गिरफ्तारियां धनबाद के लोगो की हुई है. जानकारी के अनुसार उपरोक्त दोनों कंपनियां चलाने वालों ने बालू का अवैध खनन कर भारी राजस्व का नुकसान सरकार को पहुंचाया है. ईडी की कार्रवाई का आधार बिहार पुलिस की ओर से पूर्व में दर्ज f.i.r. है.
धनबाद में पहली बार हुई थी प्रवर्तन निदेशालय की इंट्री
धनबाद में इस छापेमारी के साथ ही प्रवर्तन निदेशालय की पहली बार एंट्री हुई थी. इसके पहले धनबाद में कभी प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी नहीं हुई थी. पुंज सिंह के पहले प्रवर्तन निदेशालय ने 13 सितंबर को एमएलसी राधा चरण सेठ को गिरफ्तार किया था. उसके बाद उनके बेटे कन्हैया प्रसाद की गिरफ्तारी हुई. फिर 16 सितंबर को धनबाद के बालू कारोबारी जगनारायण सिंह उर्फ जगन सिंह और उनके बेटे सतीश सिंह को ईडी ने गिरफ्तार किया. उसके बाद धनबाद के मिथिलेश सिंह की गिरफ्तारी के बाद बबन सिंह और सुरेंद्र जिंदल की भी गिरफ्तारी की गई. कहा जाता है कि गिरफ्तार कई लोग कोयल और बालू के धंधे में सामंजस्य नहीं बैठा सके और प्रवर्तन निदेशालय के रडार पर आ गए.
"रिमोट" से करते थे बिहार में बालू का कारोबार
कहा तो यह भी जाता है कि धनबाद में रहकर यह लोग "रिमोट" से बिहार में बालू का कारोबार करते थे. लेकिन उन्हें क्या पता कि सोन नदी का यह "सोना" एक दिन उनको सलाखों के पीछे भेज देगा. जिनकी गिरफ़्तारी हुई है , उनमें से कई पहले स्क्रैप का काम करते थे, कुछ कोयले का काम भी करते थे तो किसी का बालू पुश्तैनी धंधा था. इन गिरफ्तारियों से कोयलांचल में इस बात की चर्चा खूब चल रही है कि कौन कारोबारी मकड़ी की जाल की तरह किसके साथ कारोबार कर रहा है,एक चेहरे में कितने चेहरे छुपे हुए है , इसका खुलासा अब होने लगा है. धनबाद के कारोबारी केवल बिहार, बंगाल ही नहीं, बल्कि दूसरे प्रदेशों के कारोबारियों के साथ भी साझेदार है. यह बात अलग है कि पैसा इनका होता है और कारोबार कोई और करता है. कोयले के धंधे की ही बात कर ली जाए तो कोयले में इस तरह के काम खूब होते है. रियल स्टेट के धंधे में भी यह काम चल रहा है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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