पहली बार जेएमएम के संकट मोचक के रूप में सामने आए बसंत सोरेन, विधायकों को एकजुट रखने की जिम्मेदारी को बखूबी निभाया, जानिए कौन है बसंत सोरेन

कुछ दिनों से झारखंड की राजनीति में एक नाम काफी तेजी से उभर कर सामने आया.कभी उपमुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर तो कभी मंत्री पद को लेकर,कभी बीजेपी की ओर से सत्ताधारी दल झामुमो के इस विधायक को अपने पाले में कर लेने का दावा किया गया,लेकिन इस सबके विपरीत जमीन घोटाला मामले में जब हेमंत सोरेन को अपने पद से त्यागपत्र देना पड़ा तो एकबारगी ऐसा लगा सत्ता झामुमो के हाथ से फिसल रही है. संकट की इस घड़ी में हेमंत सोरेन ने जिस व्यक्ति के कंधे पर गठबंधन के तमाम विधायकों को एकजुट रखने की जिम्मेदारी सौंपी उसने अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निर्वाहन किया और साबित किया

पहली बार जेएमएम के संकट मोचक के रूप में सामने आए बसंत सोरेन, विधायकों को एकजुट रखने की जिम्मेदारी को बखूबी निभाया, जानिए कौन है बसंत सोरेन