गुमला(GUMLA):झारखंड की राजधानी रांची में विगत दिनों सरना से ईसाई बने लोगो को आरक्षण सहित अन्य लाभ ना देने को लेकर विशाल रैली का आयोजन हुआ था. जिसको लेकर बीजेपी विरोधियो का आरोप था कि इस तरह का कार्यक्रम बीजेपी और आरएसएस के इशारे पर किया गया है.इसी को लेकर अब बंधु तिर्की की ओर से आगामी 4 फरवरी को विशाल आदिवासी सम्मेलन किया जा रहा है.पूर्व मंत्री सह कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा कि यह सम्मेलन कांग्रेस के बैनर तले नहीं होगा,बल्कि आदिवासियों को हक अधिकार दिलाने के लिए पूरी तरह से राजनीतिक बैनर से अलग होगा.
बंधु तिर्की ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य आदिवासी समाज को गोलबंद करना है
वहीं आगे बंधु तिर्की ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य आदिवासी समाज को गोलबंद करना है, आज बीजेपी आदिवासियों को बांटकर राजनीति कर रही है.बीजेपी उनकी जमीनों को हड़पना चाहती है. आगामी 4 फरवरी को आयोजित रांची की रैली में लाखों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग शामिल होकर अपनी एकता को प्रदर्शित करेंगे. वहीं गुमला लोहरदगा सिमडेगा खूंटी की अगर की जाय तो इन क्षेत्रों में आदिवासी समाज की बदहाली बीजेपी को नजर नहीं आती है, भारत माला सड़क के नाम पर आदिवासियों की जमीन जो गयी है उसका सही से मुआवजा नहीं मिल रहा है. गुमला में आदिवासियों की जमीन के कागजात के साथ छेड़छाड़ ही नहीं हुआ है, उसे फाड़कर फेक दिया गया है जिसको लेकर भी वे जल्दी आंदोलन करेंगे.
आज आदिवासी समाज की स्थिति दिन प्रतिदिन बदहाल होती जा रही है- बन्धु तिर्की
पूर्व मंत्री बन्धु तिर्की ने कहा कि आज आदिवासी समाज की स्थिति दिन प्रतिदिन बदहाल होती जा रही है, लेकिन उसकी चिंता बीजेपी को नहीं है.आदिवासी को बांटकर उनका वोट कैसे लिया जाय इसको लेकर पूरी तरह से राजनीति बीजेपी कर रही है.उन्होंने आदिवासी समाज को गोलबंद रहने की अपील की है, साथ ही आगामी 4 फरवरी को अधिक से अधिक संख्या में रांची पहुंचकर अपनी ताकत को मजबूत करने को कहा है. उनकी सोच हमेशा से अदिवासियों को सुरक्षित और आर्थिक रूप से मजबूत करने की रही है, जिसको लेकर लगातार आंदोलन करते रहेंगे.
रिपोर्ट-सुशील कुमार
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