धनबाद(DHANBAD):लगभग 10 साल पहले धनबाद में सूरज सिंह गैंग का आतंक था. आउटसोर्सिंग कंपनियां उसके निशाने पर रहती थी. अपराध की दुनिया में वो आंधी की तरह आया, लेकिन बहुत जल्दी ही काल के गाल में समा गया. उत्तर प्रदेश के किसी अस्पताल में डेंगू से कथित रूप से उसकी मौत हो गई. वो अपने माता पिता के साथ कतरास के वेस्ट मोदीडीह में रहता था. बेटे की करतूत से परेशान माता-पिता धनबाद छोड़ दिया था. आज फिर से उसके अपराधिक इतिहास और गैंग के लोगों की खोज शुरू हो गई है. इसे मुख्यमंत्री की सख्ती से जोड़ कर देखा जा रहा है. वैसे कहा तो यह जा रहा है कि पतरातू में एटीएस के डीएसपी पर फायरिंग के बाद एटीएस की टीम यह सब कर रही है.
सूरज सिंह का संबंध अमन साव गिरोह से था
आपको बतायें कि एटीएस की टीम उसके गैंग के लोगों की टोह ले रही है. पुलिस को सूचना है कि सूरज सिंह का संबंध अमन साव गिरोह से था. शनिवार को बोकारो के इंस्पेक्टर के नेतृत्व में पुलिस दल कतरास थाना पहुंचा था. ये टीम तेतुलमारी की किसी अपराधी की खोज कर रही थी. इसके लिए कतरास पुलिस के साथ छापेमारी भी की गई, लेकिन कोई हाथ नहीं लगा .एटीएस की टीम ये पता लगा रही है कि सूरज सिंह गैंग के कौन-कौन से अपराधी फिलहाल जेल से बाहर हैं. और अगर बाहर हैं तो किन का संबंध अभी भी अमन साव गिरोह से बना हुआ है. एटीएस यह भी पता लगा रही है कि सूरज सिंह गैंग के कौन-कौन से शूटर जेल से बाहर हैं.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उच्च स्तरीय बैठकर जांच के दिये सख्त निर्देश
वहीं शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची में उच्च स्तरीय बैठक की और पुलिस अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि कुछ भी हो जाए, अपराध की घटनाएं अब बर्दाश्त नहीं की जाऐगी. ढिलाई बरतने वाले पुलिस अधिकारी कार्रवाई के लिए तैयार हो जाएं .पुलिस सक्रियता की एक तो यह दबाव है. दूसरा एटीएस के डीएसपी पर फायरिंग को पुलिस ने गंभीरता से लिया है और अमन साव गिरह के अपराधियों की खोजबीन तेज हो गई है. हालांकि डीएसपी पर फायरिंग करने वाले को गिरफ्तार कर लिया गया है. देखना है पुलिस का अगला कदम क्या होता है और कैसे संगठित गिरोह पर नियंत्रण कर पाती है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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