धनबाद(DHANBAD):गंगा सतलज एक्सप्रेस ट्रेन को लेकर रांची और धनबाद के बीच खींचतान तेज हो गई है. इस खींचतान में अगर रांची की जीत होती है, तो धनबाद को नुकसान होगा और अगर धनबाद जीतता है, तो पहले की व्यवस्था कायम रह सकती है. ये ट्रेन धनबाद से फिरोजपुर जाती है. दक्षिण पूर्व रेलवे ने रांची के सांसद संजय सेठ के दबाव पर इस ट्रेन को रांची से चलाने का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा है. रांची के सांसद गंगा सतलज एक्सप्रेस का विस्तार रांची तक कराने की कोशिश में है. इसके लिए वह लगातार दबाव बना रहे हैं.
संजय सेठ और पशुपतिनाथ सिंह में ठनी!
ये ट्रेन धनबाद की जगह यदि रांची से चलनी शुरू होगी, तो धनबाद के यात्रियों को इस ट्रेन में सीट नहीं मिलेगी. ट्रेन रांची से ही भरकर धनबाद पहुंचेगी. ऐसे में धनबाद के यात्रियों को परेशानी हो सकती है. धनबाद रेल मंडल देश का सबसे अधिक कमाऊ डिवीजन है, बावजूद इसके साथ हमेशा कुछ ना कुछ छल किया जाता है. धनबाद स्टेशन को नई ट्रेन तो नहीं मिली लेकिन एक पुरानी और उपयोगी ट्रेन पर संकट छाने लगा है .
गंगा सतलज एक्सप्रेस पर संकट के बादल छा गए हैं
इसके पहले भी धनबाद से पटना जाने वाली गंगा दामोदर एक्सप्रेस को टाटानगर स्टेशन से चलाने की घोषणा की गई थी. इस सिलसिले में अधिसूचना भी जारी कर दी गई थी. लेकिन धनबाद के सांसद पशुपतिनाथ सिंह के दबाव के बाद गंगा दामोदर एक्सप्रेस बच गई. अब रांची के सांसद और साउथ ईस्टर्न रेलवे के प्रयास से गंगा सतलज एक्सप्रेस पर संकट के बादल छा गए हैं.
साउथ ईस्टर्न रेलवे के प्रयास पर मुहर लगी, तो ये ट्रेन रांची से खुलेगी
वहीं आपको बताये कि यदि साउथ ईस्टर्न रेलवे के प्रयास पर मुहर लगी तो ये ट्रेन रांची से खुलकर बोकारो होते हुए धनबाद आएगी. फिर यहां से गोमो होते हुए फिरोजपुर के लिए रवाना होगी. धनबाद से खुलने वाली यह ट्रेन धनबाद के लिए मेहमान बन जाएगी. कहीं ऐसा नहीं हो कि ये ट्रेन धनबाद के सांसद पशुपतिनाथ सिंह और रांची के सांसद संजय सेठ के बीच विवाद की वजह बन जाए. दोनों बीजेपी के ही सांसद हैं. अब देखना है कि किसमें कितना है दम.
रिपोर्ट-सत्यभूषण सिंह
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