रांची(RANCHI): झारखंड में 22 जिलों को सरकार ने सुखाड़ घोषित किया है. सुखाड़ को देखते हुए अब किसानों को लाभ देने की तैयारी है. किसानों को राहत पैकेज के जरिए सीधे बैंक खाते में पैसा भेजा जाएगा. इसके लिए सिर्फ किसानों को एक आवेदन देना होगा. राज्य सरकार ने सभी किसानों को आश्वस्त किया है कि उन्हे परेशान होने की जरूरत नहीं है. सुखाड़ राहत के अलावा किसानों का ऋण भी माफ करने की योजना है. धरातल पर कैसे योजना पहुंचे इसके लिए कृषि विभाग पूरी मेहनत के साथ लगा हुआ है. शुरुआत में सुखाड़ राहत योजना के तहत 3500 रुपये भेजे जाएंगे. इसके बाद और भी राहत पैकेज किसानों को दिया जाएगा.
जहां सुखाड़ नहीं है वैसे जिले के लोगों को भी मिलेगा लाभ
22 जिलों के 226 प्रखंडों को सुखाड़ घोषित किया गया है. इन 226 प्रखंडों में आसानी से आवेदन csc(प्रज्ञा केंद्र) के जरीए किसान कर सकेंगे, इस आवेदन के लिए सिर्फ उन्हे एक रुपये का भुगतान करना होगा. आवेदन करने के लिए किसानों को सिर्फ राशन कार्ड लगेगा. जिन के पास जमीन नहीं है उन्हे भी सुखाड़ राहत का लाभ मिलेगा. वहीं जिस जिले में सुखाड़ की स्थिति नहीं है उस जिलों में झारखंड राज्य फसल योजना के तहत सरकार मदद करेगी.
3500 के बाद फिर किसानों के खाते में जाएगा पैसा
सुखाड़ को देखते हुए मुख्यमंत्री पशु धन योजना में अब दो गाय पर 75 प्रतिशत की सब्सिडी किसानों को मिलगी. वहीं जो दिव्यांग या विधवा महिला हैं, उन्हे 90 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी. सुखाड़ में किसानों को हुई क्षति का सरकार भरपाई करने में लगी है. सिर्फ इतना ही नहीं 3500 रुपये के अलावा और भी पैसे सरकार किसानों के खाते में भेजगी. सरकार इसके लिए भी योजना तैयार कर रही है. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने बताया है कि पहली बार किसानों को लाभ मिलने जा रहा है. 22 वर्ष के झारखंड में हेमंत सरकार पहली सरकार बनी है जो किसानों को लाभ दे रही है. सरकार सिर्फ 3500 नहीं इसके बाद भी पैसा भेजेगी. किसी भी हाल में किसान को सरकार अकेले नहीं छोड़ेगी. साथ के साथ पूरी सरकार साथ खड़ी है.
केन्द्रीय टीम आएगी झारखंड
राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से 542 करोड़ की सब्सिडी की मांग की है. कृषि मंत्री ने कहा कि जिस राज्य में सुखाड़ होता है, उसमें राज्य सरकार अपनी रिपोर्ट केंद्र को भेजती है. राज्य सरकार ने केंद्र से किसानों के लिए मदद मांगी है. जल्द ही केन्द्रीय टीम भी झारखंड आने वाली है. केन्द्रीय टीम झारखंड सरकार के अधिकारियों के साथ यहां का जायजा लेंगे. इसके बाद राज्य सरकार को केंद्र से पैसा भेजा जाएगा. पैसा मिलने के बाद राज्य सरकार फिर से किसानों को पैसा भेजेगी.
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