धनबाद(DHANBAD) | झारखंड में अवैध खनन की चर्चा और जांच के बीच पांच संगठित गिरोह अपराध का खेल खुलेआम खेल रहे है. इन से न केवल धनबाद पुलिस बल्कि पूरी झारखण्ड पुलिस भी परेशान है. भास्कर में छपी एक खबर के अनुसार सीआईडी ने झारखंड में सक्रिय पांच कुख्यात संगठित गिरोह में शामिल 397 अपराधियों की सूची बनाई है. यह सब अपराधी झारखंड पुलिस के लिए चुनौती बने हुए है. इनमें कोयलांचल में सक्रिय प्रिंस खान और अमन सिंह गिरोह भी शामिल है. सीआईडी ने प्रिंस खान, अमन सिंह, अमन साव , अमन श्रीवास्तव और विकास तिवारी गिरोह के 397 अपराधियों की सूची तैयार की है. इनके खिलाफ कार्रवाई की जिम्मेवारी एटीएस को दी गई है.
सीआईडी ने बनाई है 397 अपराधियों की सूची
सीआईडी की सूची के अनुसार 397 अपराधियों में से 119 जेल में है और 278 जेल से बाहर है. सीआईडी ने इन अपराधियों को तीन श्रेणी में बांटा है. ए श्रेणी में उन अपराधियों को रखा गया है, जिन पर हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी व आर्म्स एक्ट जैसे मामले दर्ज है. वही, बी श्रेणी में उन अपराधियों को रखा गया है, जिन पर हत्या के प्रयास, रंगदारी और आर्म्स एक्ट के मामले दर्ज है. . सी श्रेणी में वह शामिल है, जिन पर लूट, वसूली, आर्म्स एक्ट , मारपीट जैसे मामले दर्ज है. रिपोर्ट के अनुसार वासेपुर के कुख्यात प्रिंस खान के गिरोह में 55 लड़के है. सीआईडी के मुताबिक वर्तमान में गिरोह के 41 सदस्य जेल में है और 14 जेल से बाहर है. प्रिंस खान गिरोह में दो अपराधियों को ए श्रेणी में , चार को बी श्रेणी में , 49 को सी श्रेणी में रखा गया है. इसी प्रकार अमन सिंह गिरोह में 79 लड़कों को चिन्हित किया गया है. इनमें 13 जेल में है बाकी सभी बाहर है. धनबाद पुलिस ने एक महिला सहित 10 अपराधियों को अभी हाल ही में जेल भेजा है, जिसमें उत्तर प्रदेश के अपराधी शामिल है. सीआईडी ने अमन सिंह के गिरोह के 11 अपराधियों को ए श्रेणी में रखा है, 24 को बी में और 44 को सी श्रेणी में रखा है. उसी प्रकार अमन साव गिरोह में 144 लडके है. इसी गिरोह के सबसे अधिक 24 अपराधी ए श्रेणी में है ,वही 16 अपराधी बी श्रेणी में और 104 को सी श्रेणी में रखा गया है.
अमन श्रीवास्तव गैंग में कुल 48 अपराधी है
अमन श्रीवास्तव गैंग में कुल 48 अपराधी है. इनमे छह जेल में है, बाकी जेल से बाहर है. 15 अपराधियों को ए श्रेणी में रखा गया है, वहीं दो को बी श्रेणी में रखा गया है,जबकि 31 को सी श्रेणी में रखा गया है. विकास तिवारी गिरोह में 71 सदस्य हैं, जिनमें 14 ही जेल में है जबकि अन्य सभी बाहर है. इस गिरोह के 12 अपराधियों को ए श्रेणी में, 9 को बी श्रेणी में और 47 को सी श्रेणी में रखा गया है. इन पांच बड़े अपराधी गिरोह के चार सरगना जेल में है. प्रिंस खान फरार है, वह किसी खाड़ी देश में रहकर गैंग चला रहा है, वही अमन सिंह, अमन साव , विकास तिवारी और अमन श्रीवास्तव जेल में है लेकिन जेल से ही गैंग चला रहे है. मतलब झारखंड के जेलों में बंद अपराधी वहीं से अपराध की योजना बना रहे हैं और बाहर अपराधी घटनाओं को अंजाम दे रहे है. यह तो पुलिस के साथ-साथ झारखंड की पूरी व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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