धनबाद(DHANBAD): आलमगीर आलम की गिरफ्तारी के बाद झारखंड कांग्रेस दुविधा में फंसी हुई है. आलाकमान की ओर टकटकी लगाए हुए है. आलमगीर आलम के पास केवल ग्रामीण विकास विभाग ही नहीं है बल्कि वह संसदीय दल के नेता भी है. प्रवर्तन निदेशालय को 6 दिन का रिमांड मिला है. रिमांड शुक्रवार से शुरू होगी. फिलहाल वह ईडी कार्यालय आज ले जाये गए है. प्रवर्तन निदेशालय ने 15 मई को पूछताछ में सहयोग नहीं करने पर उन्हें गिरफ्तार किया था. ईडी ने कोर्ट को बताया है कि आलमगीर आलम हर टेंडर में 1. 5% कमीशन वसूलते थे. 2022 में एक टेंडर से करीब उन्हें 3 करोड़ रूपया मिला था. टेंडर से मिले रुपए पीएस संजीव लाल और उनके नौकर जहांगीर के पास जमा किया जाता था. सूत्रों के अनुसार कांग्रेस इस पक्ष में नहीं है कि लोकसभा चुनाव का परिणाम आने तक कोई कदम उठाया जाए. पार्टी आलमगीर आलम से ही इस्तीफे की पहल करने की उम्मीद कर रही है. ऐसा सूत्र बताते हैं कि चुनाव परिणाम आने तक इस्तीफा मांगने जैसा कोई कदम नहीं उठाया जा सकता है. जिस आधार पर पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस्तीफा देना पड़ा था, वह आधार आलमगीर आलम के साथ भी बना रहेगा अथवा नहीं, यह देखने वाली बात होगी.
कांग्रेस कर रही समय का इंतजार
सूत्र तो यह भी बताते हैं कि हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के पूर्व कांग्रेस मुख्यालय ने उन्हें इस्तीफा देने का सुझाव दिया था और इसी के बाद उन्होंने इस्तीफा देकर जेल चले गए. उस वक्त कांग्रेस नेता आलमगीर आलम कदम कदम पर उनके साथ थे और सभी बातों की जानकारी भी आलम को है. ऐसे में यह भी माना जा रहा है कि आलम को भी इस्तीफा देना पड़ेगा लेकिन इसके लिए कांग्रेस फिलहाल कोई दबाव नहीं बनाएगी और समय का इंतजार करेगी. आलमगीर आलम पर स्वयं पहल करने का दवाब बनाया जा सकता है. , और उनकी पहल के बाद ही मंत्रिमंडल की जिम्मेवारी किसी दूसरे नेता को देने पर विचार हो सकता है. चुनाव के बाद झारखंड कैबिनेट का पुनर्गठन भी तय है. इस बीच गांडेय विधानसभा का चुनाव भी हो चुका होगा और इस उप चुनाव के परिणाम से गठबंधन दलों के आगे भी रणनीति तय होगी. 15 नवंबर 2000 को झारखंड बनने के बाद अब तक झारखंड के तीन मुख्यमंत्री को तथा 6 मंत्री जेल भेजे जा चुके है. न्यायालय से तीन विधायक भी दोषी ठहराए जा चुके है. जेल जाने वाले तीन मुख़्यमंत्रियो में शिबू सोरेन ,हेमंत सोरेन और मधु कोड़ा शामिल है.
मंत्री पद के दावेदारों की चर्चा शुरू हो गई है
इधर, आलमगीर आलम की गिरफ्तारी के बाद मंत्री पद के दावेदारों की चर्चा शुरू हो गई है .कांग्रेस के जामताड़ा विधायक डॉ इरफान अंसारी इस पद के मजबूत दावेदार बताए जाते हैं. वैसे इरफान अंसारी ने कहा है कि आलमगीर आलम मेरे अभिभावक हैं. वह जेल में है. उन पर और उनके परिवार पर क्या गुजर रही होगी, हम सब समझते हैं .जांच चल रही है. फिलहाल चुनाव में हूं. राहुल गांधी के निर्देश पर काम कर रहा हूं. सबसे पहले भाजपा को रोकना है. सारे मामले में आला कमान ही फैसला लेगा. इधर, विधायक सरयू राय ने कहा है कि आलमगीर आलम को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्हें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के रवैया को नहीं अपनाना चाहिए. केजरीवाल ने इस्तीफा नहीं देकर जो उदाहरण पेश किया है, वह स्वस्थ लोकतंत्र के लिए सही नहीं है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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