धनबाद(DHANBAD): पूजा सिंघल के बाद वीरेंद्र राम. इन अधिकारियों के पास अकूत संपत्ति मिलने के बाद विपक्ष हमलावर हो गया है. सरकार पर अधिकारियों को संरक्षण देने का लगातार आरोप लगा रहा है. अब बात उठ रही है कि ईडी की गिरफ्त में आए धनकुबेर चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम को शिक्षा विभाग का भी चीफ इंजीनियर बना दिया गया था. चिट्ठी तो निकल गई थी लेकिन उनके कार्यभार ग्रहण करने के पहले ही छापेमारी की जद में आ गए. जिस दिन छापेमारी हुई, शिक्षा विभाग के चीफ इंजीनियर के पद पर उन्हें प्रभार लेना था लेकिन जाना पड़ गया जेल. इधर, ईडी ने मुख्य सचिव से पूछा है कि पूजा सिंघल, डीएमओ विभूति कुमार समेत दर्जनों अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए लिखा गया था, इस मामले में क्या हुआ.
प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने सरकार पर बोला हमला
इधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने सरकार पर हमला बोला है. उनका आरोप है कि हेमंत सरकार के संरक्षण में राज्य के अधिकारी भ्रष्टाचार में आकंठ में डूब चुके हैं. बिचौलिए और भ्रष्टाचारी पूरी व्यवस्था पर हावी है. उन्होंने कहा कि इस बात का खुलासा होना चाहिए कि भ्रष्ट नौकरशाहों का संरक्षक कौन है. सवाल दागा है कि ईडी की कार्रवाई के पहले आखिर क्या कारण रहा है कि राज्य सरकार भ्रष्टाचारियों पर एफ आई आर दर्ज करने, दंडात्मक कार्रवाई करने जैसी संचिकाओ पर कुंडली मारकर बैठी रहती है. उन्होंने कई विभागों के नाम भी गिनाए हैं. जहां के अधिकारी संगीन आरोपों से घिरे हुए हैं. एसीबी की अनुशंसा के बावजूद मुकदमे दर्ज नहीं किए जाते हैं.
सरयू राय ने भी साधा निशाना
इधर, झारखंड के चर्चित विधायक सरयू राय ने भी ट्वीट कर कहा है कि सरकार में रहकर भ्रष्टाचार करना जितना बड़ा अपराध है, उससे बड़ा अपराध सरकार में रहकर दोष सिद्ध भ्रष्टाचार पर कार्रवाई नहीं करना और भ्रष्टाचार का संरक्षण करना है. इधर जानकारी मिल रही है कि ईडी ने झारखंड सरकार से ग्रामीण विकास के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम की संपत्ति, निपटाए गए टेंडर और सरकारी बंगला आवंटन सहित सर्विस से संबंधित ब्यौरा मांगा है. इसके लिए संबंधित विभाग के सचिवों को पत्र लिखा गया है.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह
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