दुमका(DUMKA) :सोशल मीडिया पर दुमका का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक यूट्यूब चैनल के पत्रकार फेसबुक लाइव पर चिल्ला चिल्ला कर कह रहा है कि आज बीडीओ साहब हमारी जान मार देंगे. वीडियो में दिख रहा है कि बाइक पर बैठा यु ट्यूब के पत्रकार है और उसके पीछे दुमका बीडीओ की गाड़ी भी आ रही है. क्या आपको भी लगता है कि एक यूट्यूब चलाने वाले पत्रकार को बीडीओ से जान का खतरा है? खबर हम आपको बाद में दिखाएंगे पहले उस वीडियो को देखिए
मो. सज्जाद के ऊपर बीडीओ द्वारा तीसरी प्राथमिकी
यह वीडियो वायरल होते ही पूरे जिले में चर्चा का माहौल गर्म है. जितनी मुह उतनी बातें हो रही है. हम आपको दोनों पक्षों की बातें सुनाएंगे. पहले यु ट्यूब चैनल जोहर न्यूज़ के संचालक मो. सज्जाद हुसैन आजाद से जानते है कल ऐसा क्या हुआ कि उन्हें फेसबुक लाइव पर यह कहना पड़ा कि बीडीओ साहब हमारी जान ले लेंगे. इस मामले को लेकर दुमका बीडीओ राजेश कुमार सिन्हा ने अपने चैम्बर में एक प्रेसवार्ता की. प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने कल की घटना की जानकारी दी। साथ ही यह भी बताया कि मो. सज्जाद हुसैन पर मुफ़स्सिल थाना में सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. मो. सज्जाद के ऊपर बीडीओ द्वारा यह तीसरी प्राथमिकी है.
तथ्यहीन औऱ भ्रामक खबर चलाकर छवि को खराब करने का प्रयास
कौन सही और कौन गलत इसका फैसला न्यायपालिका करेगी. लेकिन मेरा मानना है कि पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है. समय के साथ साथ पत्रकारिता का स्वरूप भी बदलते रहता है. प्रिंट के बाद इलेक्ट्रॉनिक और अब सोशल मीडिया का प्रवेश हुआ है. सोशल मीडिया एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जिस पर आम लोग भी अपनी बातें रखते हैं. सरकार के स्तर से भी बहुत ज्यादा कंट्रोल इस पर नहीं है. इसके बाबजूद कुछ नियम जरूर बनाए गए है. अगर हम सोशल मीडिया के सहारे पत्रकारिता करते है तो हमें भी यह ध्यान रखना होगा कि पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर पत्रकारिता ना करें. पूर्वाग्रह शब्द का प्रयोग हम इसलिए कर रहे है क्योंकि बीडीओ राजेश कुमार सिन्हा का कहना है कि अपने 3 वर्षों के कार्यकाल में जनहित के कई कार्य किए गए. एक भी खबर को जोहर न्यूज़ पर नहीं चलाया गया. सिर्फ तथ्यहीन औऱ भ्रामक खबर चलाकर छवि को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है.
आम जनता को भुगतना होगा खामियाजा
एक समय था जब कहा जाता था कि निंदक नियरे राखिए, लेकिन अब समय बदल गया है. आज के समय में निंदक को नजदीक रखना तो दूर लोग अपनी नींद सुनना भी पसंद नहीं करते. पत्रकारिता का धर्म कहता है कि खबर में सभी पक्ष का बयान आनी चाहिए. बीडीओ का कहना है कि किसी भी खबर में पक्ष नहीं लिया गया है.इस पूरे प्रकरण में इतना तो जरूर है कि यह घटना क्रम किसी के भी हित में नहीं कहा जा सकता. दोनों पक्ष मानसिक रूप से परेशान होंगे और इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना होगा क्योंकि कहीं ना कहीं इससे विकास कार्य बाधित होगा.
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