31 मार्च दिल्ली का रामलीला मैदान: झारखंड में तो कल्पना सोरेन की भविष्यवाणी सच हुई ,क्या दिल्ली में भी होगी

धनबाद(DHANBAD) | झारखंड और दिल्ली के हालात कुछ दिनों पहले तक एक जैसे थे. यह अलग बात है कि जेल जाने के पहले हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन अरविंद केजरीवाल जेल से ही सत्ता चला रहे थे. हेमंत सोरेन जेल से निकलकर फिर सत्ता संभाली, जबकि अरविंद केजरीवाल जेल से निकलकर सत्ता की बागडोर दूसरे के हाथों में सौंप दिए. यह अलग बात है कि झारखंड में लगातार दूसरी बार गठबंधन की सरकार बनी है. एंटी इनकंबेंसी से बचने के लिए हेमंत सोरेन ने मास्टर स्ट्रोक खेला और वह पूरी तरह से निशाने पर बैठा. गठबंधन में झामुमो को 34 सीट मिल गई. अब दिल्ली चुनाव की बारी है. इतना तो तय है कि झारखंड में हेमंत सोरेन की जीत से अरविंद केजरीवाल भी उत्साहित होंगे.
अरविंद केजरीवाल तीसरी बार सरकार के लिए जाएंगे चुनाव में
हेमंत सोरेन और उनकी सहयोगी पार्टियों ने झारखंड में दूसरी बार सरकार बनाने के लिए चुनाव में गए थे. तो अरविंद केजरीवाल दिल्ली में (2013 को छोड़ )तीसरी बार सरकार बनाने के लिए जद्दोजहद कर रहे है. फिलहाल दिल्ली का सियासी पारा अभी से चढ़ा हुआ है. जबकि चुनाव अगले साल होने है. यह बात अलग है कि दिल्ली में भी झारखंड की तरह कांटे की लड़ाई होगी. जिस प्रकार अरविंद केजरीवाल अभी से ही उम्मीदवारों के नाम की घोषणा करने लगे हैं और निर्ममता से सिटिंग विधायकों के टिकट काट रहे है. इससे तो साफ लगता है कि वह एंटी इनकंबेंसी से बचने के लिए जमीनी स्तर पर तैयारी शुरू कर दिए है.
अकेले चुनाव लड़ते दिख सकते है अरविंद केजरीवाल
यह बात भी सच है कि 2025 के विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल अकेले चुनाव लड़ते दिख सकते है. कांग्रेस के साथ उनका गठबंधन नहीं भी हो सकता है. लेकिन झारखंड में हेमंत सोरेन ने गठबंधन के बैनर तले चुनाव लड़ा. सबको याद होगा कि 31 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ इंडिया ब्लॉक ने शक्ति प्रदर्शन किया था. इस दौरान कल्पना सोरेन भी पहुंची हुई थी. उन्होंने कहा था कि अरविंद केजरीवाल और हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी का जवाब झारखंड और दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव में जनता देगी. कल्पना सोरेन की भविष्यवाणी तो झारखंड में सच साबित हुई है. अब देखना है कि दिल्ली में उनकी भविष्यवाणी कितनी सच साबित होती है.
सवाल :क्या झारखंड की तर्ज पर अरविंद केजरीवाल को भी मिलेगी जीत
सवाल यह भी है कि क्या झारखंड की तर्ज पर अरविंद केजरीवाल को 2025 के विधानसभा चुनाव में जीत मिलेगी? सिटिंग विधायकों के टिकट काटकर उम्मीदवारों की घोषणा से यह सब सवाल अभी से ही उठने लगे है. आम आदमी पार्टी ने 31 उम्मीदवारों की सूची जारी की है. जिसमें लगभग आधे सिटिंग विधायकों के टिकट काट दिए गए है. 2013 में दिल्ली में सरकार गठन की बात अगर छोड़ दी जाए तो 2015 और 2020 में आम आदमी पार्टी को बड़ी जीत मिली थी. अब 2025 के चुनाव की तैयारी में आम आदमी पार्टी जुट गई है. देखना दिलचस्प होगा कि हेमंत सोरेन की तरह क्या अरविंद केजरीवाल भी परचम लहर पाते हैं अथवा नहीं. यह भी चर्चा है कि हेमंत सोरेन की तरह अरविंद केजरीवाल भी कोई बड़ा मास्टर स्ट्रोक खेल सकते है. यह मास्टर स्ट्रोक क्या होगा, यह अभी पर्दे के पीछे छुपा हुआ है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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