टेरर फन्डिंग मामले में यासीन मालिक को उम्र कैद की सजा , 10 लाख का आर्थिक जुर्माना भी


टीएनपी डेस्क (TNP DESK): दिल्ली की NIA कोर्ट ने प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चीफ यासीन मलिक को टेरर फंडिंग के केस में उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. यासीन द्वारा अपने खिलाफ लगाए गए सभी आरोप स्वीकार करने के बाद एनआइए के स्पेशल कोर्ट ने उसे दोषी ठहराया. हुर्रियत नेता और प्रतिबंधित संगठन जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के प्रमुख को 2017 के आतंकी फंडिंग मामले में अदालत ने गुरुवार को दोषी ठहराया था.
NIA ने की थी यासीन को सजा ए मौत देने की मांग
यासीन मलिक को NIA कोर्ट ने कुल नौ मामलों में सजा सुनाई है. गुरुवार को कोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले में यासीन को दोषी ठहराया था. साथ ही NIA ने यासीन मालिक को सजा ए मौत देने की मांग की थी. यासीन मलिक ने सुनवाई के दौरान कबूल कर लिया था कि वह कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल था. एजेंसी ने विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह के समक्ष अपना पक्ष रखा, जबकि मलिक की सहायता के लिए अदालत द्वारा नियुक्त न्याय मित्र ने आजीवन कारावास की मांग की, जो मामले में न्यूनतम सजा है. इस बीच, मलिक ने न्यायाधीश से कहा कि वह सजा की मात्रा तय करने के लिए इसे अदालत पर छोड़ रहे हैं.
इन 9 मामलों में यासीन को सुनाई गई सजा
रिपोर्ट: अशु शुक्ला, रांची डेस्क
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