त्रिकुट रोपवे हादसा : लापरवाही या दुर्घटना..? जांच के लिए रोपवे सील


देवघर (DEOGHAR) – बीते 10 अप्रैल को देवघर के मोहनपुर स्थित झारखंड के एकमात्र त्रिकुट रोपवे में दर्दनाक दुर्घटना घटी थी. दुर्घटना कैसे हुआ और इसका जिम्मेदार कौन है, इस सभी सवालों की जांच करने के लिए प्रशासन द्वारा त्रिकुट रोपवे को सील कर दिया गया है. वहीं प्रशासन द्वारा संबंधित अधिकारियों को ऑपरेशन के अनुभवों का विस्तृत व्योरा को संरक्षित करने के लिए कहा गया है. जब तक सब कुछ ठीक नहीं हो जाता और जब तक त्रिकुट रोपवे फिर से पर्यटकों के लिए सुरक्षित ना हो जाए, तब तक के लिए जिला प्रशासन ने त्रिकुट रोपवे को सील कर दिया है. सील के दौरान ही घटना की जांच की जाएगी. साक्ष्य में किसी प्रकार की छेड़छाड़ न हो सके इसको लेकर भी त्रिकुट रोपवे को सील किया गया है. बता दें कि 2009 से कोलकाता की कंपनी दामोदर रोपवे इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा इसका संचालन किया जा रहा है. अब लापरवाही जिसकी भी हो, इसका खामियाजा स्थानीय स्तर पर रोजगार पर पड़ रहा है.
46 घंटों तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन
बता दें कि इस दुर्घटना में 60 पर्यटकों की जिंदगी कई घटों तक जमीन से 1000 से भी अधिक फ़ीट ऊपर हवा में लटक रही थी. पर्यटकों के रेस्क्यू के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से मदद मांगी थी. तब एयरफोर्स, आर्मी, itbp, ndrf और स्थानीय प्रशासन की मदद से 3 पर्यटकों को छोड़ सभी को सकुशल निकाला गया. करीब 46 घंटे तक चली अपने आप मे कठिन रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान कुछ तकनीकी के कारण एयरलिफ्ट के समय 2 पर्यटकों की मौत हो गई थी. यह एक ऐसा रेस्क्यू ऑपरेशन था, जिसकी मोनिटरिंग केंद्र से लेकर राज्य सरकार और जिला प्रशासन द्वारा बिना पलक झपके की जा रही थी. इस ऑपरेशन की सफलता के बाद सभी की जान में जान आई थी. इस ऑपरेशन में शामिल जवानों ने अपनी जान जोखिम में ड़ालकर लोगों की जिंदगी बचाई है. इसके लिए उनकी जितनी तारीफ की जाए वह कम है.
रिपोर्ट : रितुराज सिन्हा, देवघर
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