बंद खदान में मौत की छलांग लगा रहे बच्चे, प्रशासन मौन


लोहरदगा (LOHARDAGA) : जिले में माइनिंग के खदानों से पत्थर की ढुलाई जोरों पर है. वहीं जिले के सेन्हा प्रखंड क्षेत्र के कोराम्बे क्षेत्र में चट्टानों को खोद बड़े पैमाने पर माइनिंग की जा रही है. माइनिंग के बाद खदानों में गड्ढा को छोड़ दिया गया. जहां पानी का जमाव होने से गड्ढा गहरे तालाब का रूप में तब्दील हो गया. नर्सरी से कक्षा 5 तक के पढ़ने वाले स्थानीय छोटे-छोटे बच्चे इस खदान के तालाब में अक्सर गोता लगाते देखे जाते हैं. इन खादान में बने गड्ढे की गहराई औसतन 15 से 20 फीट है, जो कि कभी भी छोटे बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है.
बच्चों को पानी में आती है बारूद की महक
बता दें कि खदान में नुकीले पत्थर के साथ-साथ बारूद भी होता है जो घटना को आमंत्रित करता है. बच्चों को इस पानी में नहाते समय बारूद की भी महक आती है, जो कि पत्थर तोड़ने के लिए विस्फोटक के रूप में कार्य में लगाए जाते हैं. इस बारूद से भी बच्चों को नुकसान पहुंच सकता है. वहीं खदान में खड़ी जेसीबी देख यह समझ में आता है कि यहां माइनिंग का कार्य किया जाता है. लेकिन खदानों में एक भी कर्मचारी नजर नहीं आया. खदान को खुला छोड़ दिया गया है. ग्रामीण क्षेत्र में होने के कारण सरकारी अधिकारी इन खदानों में जांच के लिए नहीं के बराबर जाते हैं. इसके कारण मनमानी तरीके से माइनिंग का कार्य किया जाता है. ग्रामीणों का कहना है कि वो बच्चों को देखते हैं तो मना करते हैं. क्योंकि खदानों में विस्फोट भी होता है और तालाब बहुत गहरा है.
रिपोर्ट : गौतम लेनिन, लोहरदगा
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