जामताड़ा में बराकर नदी हादसा : लापता लोगों को खोजने के लिए प्रयास जारी


जामताड़ा (JAMTARA) - नाव दुर्घटना में लापता लोगों को खोजने का प्रयास जारी है. एनडीआरएफ की टीम अपनी पूरी क्षमता से ग्रामीणों के साथ प्रयास कर रही है. इस भीषण नाव हादसा में अभी तक पांच लोगों की जान बची है. वहीं 12 लोग अभी भी लापता हैं.
यह है मामला
जामताड़ा के वीरगांव में बराकर नदी में भीषण दुर्घटना हुई है. दुर्घटना गुरुवार देर शाम को हुई. इसमें अभी भी 12 लोग लापता हैं जबकि पांच की जान ग्रामीणों ने बचाई है. दरअसल हर रोज की तरह निरसा और धनबाद में काम निपटा के लोग वापस लौट रहे थे. गुरुवार की शाम एकाएक मौसम में बदलाव आया. उसे देख लोग सुरक्षित स्थान पहुंचना चाह रहे थे. इसी दौरान नाव में क्षमता से अधिक लोग सामान लेकर सवार हो गए. नाव बरेलिया किनारे से खुल गई. जब लोग बीच मझधार पहुंचे तभी तेज हवा और वर्षा में फंस कर नाव पलट गई. नाव में कुल 17 लोग सवार थे. 2 को ग्रामीणों ने बचाया. वहीं तीन किसी तरह तैर कर वापस निकले. बांकी बचे 12 लोग अब भी लापता हैं.
लापता लोगों के परिजन रात से वीरगांव में एकत्रित हैं
पूल संघर्ष समिति के सचिव अकबर अंसारी ने दुर्घटना की जानकारी दी है. वहीं उन्होंने इसके लिए जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को जिम्मेदार बताया है. अंसारी ने बताया है कि लगातार संगठन पुल निर्माण के लिए आवाज उठाने के साथ असुरक्षित नाव संचालन की ओर जिला प्रशासन का ध्यान आकर्षित करते रहे हैं. यह दुर्घटना नजर अंदाज करने का परिणाम है. दुर्घटना के बाद उपायुक्त और एसपी के नेतृत्व में प्रशासन घटनास्थल पर देर रात तक एनडीआरएफ टीम के आने का इंतजार कर रहे.
ग्रामीणों ने काटा बवाल
घटनास्थल से वापस लौटने के दौरान आक्रोशित ग्रामीणों ने उपायुक्त और एसपी के गाड़ी को रोक लिया. जहां घंटों तक ग्रामीणों ने बवाल काटा है. सड़क पर सूखा पेड़ डालकर रास्ता रोक रखा है. इसके बाद पुलिस पदाधिकारियों के अथक प्रयास से उपायुक्त और एसपी को वहां से सुरक्षित निकाला गया. कांग्रेसी सांसद फुरकान अंसारी ने दुर्घटना पर अफसोस व्यक्त किया है. वहीं पुल निर्माण में बाधा डालने के लिए बीजेपी पर आरोप लगाए हैं. दुर्घटना के बाद लापता लोगों के परिजन नदी किनारे पहुंचे हुए हैं. सभी उहापोह में हैं. वहीं प्रशासन की व्यवस्था को नाकाफी बता रहे हैं.
रिपोर्ट: आरपी सिंह जामताड़ा
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