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गुमला (GUMLA) जिला में 28 की संख्या में जंगली हाथी का झुड़ दाखिल हुआ है. बता दें कि यह वन विभाग की सक्रियता ही है कि अब तक कोई भी ग्रामीण को किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.
हाथी के झुड़ को ग्रामीणों से नुकसान
हाथी के झुंड के जिला में प्रवेश की सूचना डीएफओ श्रीकांत वर्मा को मिलने के बाद से ही वह इसकी पूरी मोनेटरिंग खुद कर रहे है. उन्होंने इसके लिए वन कर्मियों की पूरी टीम को लगाकर रखा है. बता दें कि जिला के बसिया कामडारा के साथ ही खूंटी से सटे इलाके में हाथी का झुंड भ्रमण कर रहा है. डीएफओ श्रीकांत वर्मा ने बताया कि वन विभाग अपनी ओर से हाथियों को गांव से बाहर सुरक्षित निकालने में लगे है. सात ही उन्होंने बताया कि ग्रामीणों की ओर से हाथी को परेशान किया जा रहा है. यह एक चिंता का विषय बना हुआ है.
ग्रामीणों को आग्रह
डीएफओ श्रीकांत वर्मा ने लोगों से आग्रह किया है कि इस हाथी के झुंड में चार बच्चे भी शामिल है. इस लिए इसके साथ किसी प्रकार से छेड़छाड़ नहीं करें. छेडछाड़ से हाथी का झुंड उग्र हो सकता है और लोगों को नुकसान पहुंचा सकता है. डीएफओ ने कहा कि हाथी के झुंड में जब उनके साथ बच्चे रहते है तो झुंड काफी खतरनाक हो जाता है. साथ ही डीएफओ ने बताया कि उन्होंने हाल में बन रही सड़कों को लेकर भारत सरकार को एक प्रस्ताव भेजा था कि जिन स्थलों से हाथी सड़क पार करता है, वहां जंगल को बिना छेड़छाड़ किये सड़क का निर्माण ब्रिज बनाकर किया जाय. जिसे सरकार ने स्वीकृति देते हुए 60 करोड़ रुपया अतिरिक्त रूप में खर्च करने की स्वीकृति दी है. वहीं डीएफओ श्रीकांत वर्मा की इस सक्रियता से हाथियों की सुरक्षा को लेकर योजना बनाने की लोग भी प्रशंसा कर रहे है. स्थानीय व्यक्ति अनिरुद्ध चौबे ने कहा कि डीएफओ की सक्रियता का ही परिणाम है कि इतना अधिक संख्या में हाथी होने के बाद भी कोई अप्रिय घटना नही घटी.
रिपोर्ट : सुशील कुमार सिंह, गुमला
Thenewspost - Jharkhand
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