जमशेदपुर (JAMSHEDPUR) में एक वाशिंग पाउडर यूनिट बंद होने से कोहराम मच गया है. बता दें कि पिछले 20 वर्षो से यहां काम कर रहे मजदूरों ने कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उनका कहना है कि वो कंपनी को मजदूरों के पैसों का सेटलमेंट किए बिना उसे बंद नहीं होने देंगे. मजदूरों के इस मांग को लेकर क्षेत्र के पार्षद भी उनके हक के लिए उनके साथ खड़े नज़र आ रहे हैं. ऐसे में क्षेत्र पार्षद का कहना है कि मजदूरों का शोषण कर भागने वाली कंपनी को भागने नहीं दिया जाएगा. वहीं मामले में सर्फ कंपनी के मैनेजर का कहना है कि कंपना कही भी भाग नहीं रही, बस कंपना का स्थान्तरित हो रहा है.
कंपनी पर 2 से 3 लाख का बकाया
कंपनी में काम कर रहे मजदूरों पर आर्थिक रूप से परिवार की जिम्मेवारी होती है. उनके पास हौसला ,जुनून और शारीरिक क्षमता के अलावा कुछ नहीं होता. कई बार तो अशिक्षा और आर्थिक कमजोरी के कारण रात दिन पसीना बहा कर भी उन्हें भूखे सोना पड़ता है. इसका एक जीवंत उदाहरण जमशेदपुर के mgm थाना क्षेत्र भिलाई पहाड़ी क्षेत्र में लगभग 20 वर्ष पहले स्थापित हुई भारत की चर्चित वाशिंग पाउडर की कंपनी जो आज पलायन कर रही है. इसके गेट पर भी एक नोटिस लगी है, जिसमें लिखा है कि कंपनी 22,11,21 से पूर्ण रूप से बंद हो गयी. बता दें कि इस कंपनी में लगभग 600 मजदूर कार्यरत थे. इन्हें पिछले 2 वर्षों में साजिश के तहत धीरे धीरे बैठा दिया गया और कुछ जो आखिरी तक काम में रहे उन्हें कुछ पैसा दे सेटलमेंट किया गया. परेशानी तब बढ़ी जब लगभग 150 मजदूरों को पता चला कि बिना उनके पैसे का सेटलमेंट किए कंपनी यहां से अपना सब कुछ समेट रही है. तब JMM के नेताओं की मदद से मजदूरों ने कंपना के गेट पर धरना देने के साथ ही कंपना के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. मजदूरों की माने तो सभी मजदूरों का सेटलमेंट में लगभग 2 से 3 लाख का बकाया निकलेगा जिसको बिना दिए यहां से कंपनी को नहीं जाने देंगे.
रिपोर्ट : रंजीत ओझा, जमशेदपुर
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