धनबाद(DHANBAD): झारखंड के पेट्रोल पंप मालिक सरकार की नीतियों से अब परेशान हो गए हैं. सरकार की वजह से उनको तो नुकसान हो ही रहा है, साथ ही साथ जनता भी परेशानी में है. बुधवार को धनबाद में कोल्डफील्ड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन की बैठक हुई. इस बैठक में राज्य में वैट घटाने की मांग पर चर्चा की गई. पोल्लुशन मशीन की जांच एक ही एजेंसी से कराने के सरकार के निर्णय को भी आश्चर्यजनक बताया गया. साथ ही साथ 8 सालों से चले आ रहे बकाया पर भी चर्चा की गई. झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी इस बैठक में मौजूद थे. झारखण्ड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने कहा कि 2015 से ही सरकार से लगातार वैट घटाने की मांग की जा रही है.
2015 से कर रहे है मांग लेकिन सरकार कुछ सुनने को तैयार नहीं
लेकिन सरकार कुछ समझने को तैयार नहीं है. सरकार को कई बार समझाने का प्रयास किया गया कि झारखंड में यदि वैट कम कर दिया जाए तो सरकार का राजस्व, घटने के बजाय बढ़ेगा. लेकिन न सरकार समझने को तैयार है और ना अधिकारी, नतीजा है कि झारखंड का राजस्व दूसरे प्रदेशों में जा रहा है. दूसरे राज्यों से डीजल झारखंड में आ रहा है और सरकार सब कुछ जानते हुए कुछ भी नहीं जानने का नाटक कर रही है. एसोसिएशन की मांग है कि झारखण्ड में वैट 17% कर दिया जाये. इससे राजस्व बढ़ेगा. प्रदेश अध्यक्ष का कहना था कि हम लोगों ने 17% वैट करने की मांग को लेकर कई आंदोलन किये. पेट्रोल पंप बंद किए, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. ऐसे में अब इस आंदोलन में जनता की भागीदारी सुनिश्चित करने का निर्णय लिया गया है.
धनबाद से रांची तक होगी पैदल यात्रा
इसके लिए धनबाद से रांची तक पैदल यात्रा निकाली जाएगी. पैदल यात्रा में प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह स्वयं शामिल रहेंगे. उन्होंने कहा कि इसमें जो शामिल होना चाहेंगे, शामिल हो सकते है.जिस दिन यह यात्रा रांची पहुचेंगी ,झारखण्ड के 1600 पंप मालिक मौजूद रहेंगे. फिर मुख्यमंत्री ,कांग्रेस के नेताओं ,संबंधित अधिकारियों को ज्ञापन देकर अपनी मांगों से अवगत कराएँगे. इसके बाद भी अगर कोई रास्ता नहीं निकला तो दिल्ली भी जाएंगे और सरकार को बताने की कोशिश करेंगे कि वैट कम कर देने से सरकार को भी फायदा है और प्रदेश की जनता को भी लाभ होगा. हालांकि अशोक कुमार सिंह ने कहा कि अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है. हर जिले में बैठक कर इस पर चर्चा की जाएगी और संभवत फरवरी के अंतिम सप्ताह या मार्च के पहले सप्ताह से यह आंदोलन शुरू होगा.
धनबाद से संतोष की रिपोर्ट
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