गिरिडीह(GIRIDIH): विश्व में जैन समुदाय के पांच में से पहले तीर्थक्षेत्र गिरिडीह के मधुबन स्थित सम्मेद शिखर को लेकर आंदोलन तेज होता जा रहा है. 20 तीर्थंकरों के निर्वाण भूमि को पर्यटन स्थल बनाएं जाने से आक्रोशित जैन समाज का विरोध अब राष्ट्रीय स्तर पर होता रहा है और इसी क्रम में गुरुवार को सकल जैन समाज गिरिडीह में मौन रैली निकाल कर हेमंत सरकार के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन करेगा. बुधवार को बड़ा चौक स्थित दिगबंर जैन समाज के पदाधिकारी ने प्रेसवार्ता कर प्रदर्शन की पूरी जानकारी दी.
इस दौरान प्रेसवार्ता में जैन समाज के सचिव लोकेश सेट्ठी, महेश जैन, रमेश जैन, विजय सेट्ठी, मारवाड़ी सम्मेलन के दिनेश खेतान, फेडरेशन चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रदीप अग्रवाल और महिला जैन की पदाधिकारी मंजू जैन, हेमलता सेट्ठी ने कहा कि गुरुवार को दिगबंर और श्वेताबंर जैन समाज की और से व्यापक प्रदर्शन किया जाना है और वह भी बेहद शांतिपूर्ण तरीके से.
युवतियां भी होंगी शामिल
प्रदर्शन में महिलाएं और बच्चों के साथ जैन समाज के पदाधिकारी और युवतियां भी शामिल होगी. पूरे राज्य से जैन समाज के पदाधिकारी और प्रमुख शामिल होगें. जबकि जैन समाज के इस मौन रैली प्रदर्शन में सिख समाज के साथ मारवाड़ी समाज के पदाधिकारी के भी शामिल होने की बात कही गई. जैन समाज के पदाधिकारी लोकेश सेट्ठी ने कहा कि जैन समाज अहिंषा में भरोषा करता है. हिंसा से जैन समाज को कोई सरोकार नहीं. लिहाजा, पूरे देश में सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल बनाएं जाने का विरोध भी अहिंसा के साथ हो रहा है. क्योंकि सम्मेद शिखर जैन समाज का सर्वोच्च तीर्थस्थल है. जहां 20 तीर्थंकरों ने मोक्ष हासिल किया था. ऐसे में अब इसका स्वरुप बदल कर पर्यटन स्थल में किया जाता है. तो यह तय है कि इसकी पवित्रता पर आंच आएगी. इधर फेडरेशन चैंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारी प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल बनाएं जाने का विरोध पहले ही फेडरेशन की और से किया जा चुका है. क्योंकि वो जैन समाज का तीर्थस्थल है. ऐसे में उसे राज्य सरकार पर्यटन स्थल बना ही क्यों रही है यह समझ से परे है. लिहाजा, विरोध शांतिपूर्ण तरीके से किया जाएगा.
रिपोर्टः दिनेश कुमार, गिरिडीह
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