टीएनपी डेस्क(TNP DESK): झारखंड में काफी लंबे समय से अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती परीक्षा का इंतजार कर रहे हैं. मगर, झारखंड सरकार ना ही JTET की परीक्षा ले रही है और ना ही पात्रता परीक्षा. गौर करने की बात ये है कि पिछले 12 सालों में मात्र दो ही JTET की परीक्षा आयोजित हुई. वहीं पिछले छह सालों में एक भी परीक्षा आयोजित नहीं हुई है. जबकि इस दौरान दो बार नियमावली बदली गई, और अब तीसरी बार नियमावली में संशोधन होने की तैयारी चल रही है. लेकिन इस सबके बीच एक बड़ा सवाल है कि आखिर झारखंड में JTET की परीक्षा कब होगी और कब शिक्षकों की नियुक्ति होगी?
हर साल एक परीक्षा लेने का है प्रावधान
झारखंड में 12 सालों में सिर्फ 2 JTET की परीक्षा होना एक बड़ा सवाल खड़ा करती है. ये इसलिए भी क्योंकि ‘शिक्षा का अधिकार अधिनियम’ के तहत हर वर्ष एक परीक्षा लेने का प्रावधान है. झारखंड में साल 2011 में शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू हुआ था. इसके बाद से अभी तक 12 परीक्षाएं आयोजित हो जानी चाहिए थी. लेकिन, अभी तक सिर्फ 2 JTET ही आयोजित हुई.
अब तक बनी तीन नियमावली
‘शिक्षा का अधिकार अधिनियम’ लागू होने के बाद अब तक तीन बार नियमावली बनी, पहली नियमावली 2012 में बनी, इसी नियमावली के तहत दो परीक्षाएं हुई. इसके बाद फिर नई नियमावली बनी. यह नियमावली 2019 में बनी. लेकिन इसके तहत परीक्षा नहीं हुई और बिना किसी परीक्षा के ही इसमें बदलाव किया गया. साल 2022 में इसमें फिर संशोधन किया गया. लेकिन इसके तहत भी परीक्षा नहीं हो पाई.
2022 में लागू नई नियमावली में प्रावधान था कि अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए झारखंड से मैट्रिक, इंटर परीक्षा पास होना अनिवार्य होगा. लेकिन इस नियमावली को हाई कोर्ट में चैलेंज किया गया. जिसे कोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया. ऐसे में एक बार फिर से नियमावली में संशोधन करने की तैयारी है. संशोधन के बाद ही JTET की परीक्षा हो सकती है.
शिक्षक भर्ती के लिए क्यों जरूरी है JTET?
झारखंड में पहली से आठवीं कक्षा तक के शिक्षक बनने के लिए JTET पास होना जरूरी है. अगर कोई अभ्यर्थी इस परीक्षा में पास नहीं होते हैं तो वे शिक्षक बनने के योग्य नहीं हैं. पिछली बार JTET की परीक्षा 2016 में आयोजित हुई थी. उस परीक्षा में करीब एक लाख अभ्यर्थी प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण परीक्षा पास कर चुके हैं. लेकिन किसी सभी की परीक्षण डिग्री बेकार हो चुकी है. क्योंकि वे JTET की परीक्षा पास नहीं कर पाए हैं.
शिक्षक विभाग की तैयारी थी कि वे JTET के जरिए 55 हजार शिक्षकों की नियुक्ति करेंगे. 2016 में आयोजित JTET में 55 हजार अभ्यर्थी सफल हुए थे. आगे के प्रोसेस के लिए उन्हें एक नियुक्ति परीक्षा से और गुजरना था. लेकिन उसका आयोजन नहीं हो सका. इसके साथ ही पात्रता परीक्षा भी नहीं ली गई.
सरकार से उम्मीद
शिक्षक अभ्यर्थियों को अब नियमावली में फिर से संशोधन का इंतजार है. उन्हें उम्मीद है कि सरकार जल्द से जल्द इसके बारे में कोई कदम उठाएगी. नई नियमावली में से मैट्रिक-इंटर की परीक्षा झारखंड से पास होने का प्रावधान हटाना होगा. इसके बाद ही नियमावली को लागू किया जाएगा. सरकार की भी कोशिश होगी कि जल्द से जल्द इस बारे में कोई कदम उठाए, क्योंकि चुनाव आने में कुछ ही समय बचा है और रोजगार एक बड़ा मुद्दा बनने वाला है.
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