Ranchi-पूर्व सीएम हेमंत की उपस्थिति में अपना बहुमत साबित करने के साथ ही सीएम चंपई सोरेन फुल फॉर्म में आ चुके हैं, अपनी सरकार को हेमंत पार्ट-2 की उपाधि देते हुए उन्होंने पूर्व सीएम हेमंत का सपना और दिशोम गुरु शिबू सोरेन के संघर्ष को आगे बढ़ाने का एलान किया है. भाजपा के खिलाफ ताल ठोकते हुए उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव में 14 से शून्य सीट पर खत्म करने की चुनौती दी है,आदिवासी-मूलवासी समाज से आह्रवान करते हुए उन्होंने कहा कि यह जमीन हमारी है, यह जंगल हमारा है, यह नदियां और पहाड़ हमारा है, इसे बचाने कि जिम्मेवारी भी हमारी है, यहां के आदिवासी-मूलवासियों को अपना इतिहास भूगोल किसी और से सीखने की जरुरत नहीं है, हमारे पुरखों ने शहादत की लम्बी परंपरा का निर्माण किया है. हमें तो उसी पंरपरा को आगे बढ़ाते हुए अपने जल, जंगल और जमीन की रक्षा करनी है, और यह लड़ाई इतनी आसान नहीं है, जो भी झारखंडियों की अस्मिता की बात करेगा, जल, जंगल और जमीन के लूट के खिलाफ अपनी आवाज बुंलद करेगा, उसे काल कोठरी में बंद किया जायेगा, लेकिन हमें हार नहीं माननी है, हिम्मत नहीं खोना है, हर घर में हेमंत और हर गली में दिशोम गुरु खड़ा करना होगा.
हेमंत के सपनों को घर-घर तक पहुंचाना होगा
हेमंत सोरेन इसी जल, जंगल और जमीन की लड़ाई लड़ रहे थें, यही उनका गुनाह था, यही उनका कुसूर था, आज कालकोठरी में बंद होकर भी वह इसी लड़ाई को लड़ रहे हैं. हर झारखंडी को यह याद रखने की जरुरत है कि हेमंत सोरेन ने झारखंड के लूटरों के सामने आत्मसमर्पण करने के बजाय जेल जाना स्वीकार किया, अब यह हमारी जिम्मेवारी है कि हम उनके सपनों को उसके अंजाम तक पहुंचाये, आने वाला लोकसभा चुनाव और विधान सभा चुनाव में इसी की अग्नि परीक्षा होनी है. यह सिर्फ चुनाव नहीं होगा, हमारा आत्म सम्मान और हमारी अस्मिता फैसला भी होगा.
खुद की सरकार को बताया हेमंत पार्ट-2
अपनी सरकार को हेमंत पार्ट टू की संज्ञा देते हुए चंपई ने आह्वान किया कि जिस 1932 की आवाज बन कर हेमंत सामने आये थें, हमें उस मशाल को बूझने नहीं देना है, यह झारखंडियों की पहचान है, यह हमारे अस्तित्व का सवाल है, इस माटी का कोई भी लाल 1932 का विरोध नहीं कर सकता, झारखंड में शासन करने का हक सिर्फ उसकी मिट्टी के लाल को है, जो 1932 की बात करता हो, जिसको 1932 पसंद नहीं है, बताने की जरुरत नहीं है, वह कौन है. हम उनके हाथ में झारखंड की कमान नहीं सौंप सकतें.
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