टीएनपी डेस्क(TNP DESK): अवैध खनन को लेकर अब राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों ही सजग हैं. जहां बीते दिन खबर आयी कि केंद्र ने अवैध खनन को रोकने के लिए झारखंड में सर्वेक्षण कराने का फैसला लिया है. वहीं अवैध खनन को रोकने के लिए सीएम हेमंत सोरेन ने गृह मंत्री अमित शाह से झारखंड में बंद खदानों का विधिवत् Mines क्लोजर कराने की मांग की है. सीएम ने कहा कि Mines क्लोजर करने से पर्यावरण की सुरक्षा भी होगी और अवैध खनन पर भी रोक लगेगी.
सीएम हेमंत ने गृह मंत्री से ये मांग कोलकाता में आयोजित पूर्वी क्षेत्रीय परिषद के बैठक में की. सीएम की इस मांग से साफ है कि अब केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही अवैध खनन को लेकर गंभीर है. अवैध खनन झारखंड में एक बहुत ही बड़ा मुद्दा है और लगातार राज्य में अवैध खनन के मामले सामने आते रहे हैं. लगातार कार्रवाई भी होती है, मगर, इससे अवैध खनन में कोई कमी नहीं आई है.
ईडी ने पर्यावरण विभाग की सचिव को लिखा था पत्र
राज्य में बड़े पैमाने पर अवैध खनन हो रहा है. इसका खुलासा ईडी ने अपनी जांच में भी किया है. ईडी ने साहेबगंज में 1000 करोड़ के अवैध खनन का खुलासा किया है. इसमें ईडी ने पाया है कि अवैध खनन के कारण कई पहाड़ गायब हो गए. इसी संबंध में ईडी ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण विभाग की सचिव लीना नंदन को एक पत्र लिखा था. इसी पत्र के आधार पर केंद्र सरकार ने सर्वेक्षण कराने का फैसला लिया है. इस पत्र में ईडी ने लिखा था कि साहेबगंज में अवैध खनन की जांच में पता चला कि राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में अवैध खनन किया जा रहा है. ये खनन सामान्य क्षेत्रों में तो हो ही रहे हैं. इसके साथ ही वन क्षेत्र और जंगल-झाड़ों में भी अवैध खनन हो रहा है. जंगल में भी अवैध खनन किया जा रहा है. ईडी ने ये भी बताया कि जिन्हें खनन के लिए लीज नहीं मिला है, वे भी खनन किये जा रहे हैं. इसके साथ ही जिन्हें लीज मिला है, वे भी अवैध खनन कर रहे हैं. इनके द्वारा लीज वाली जगह से अलग अन्य जगहों पर अवैध खनन किया जा रहा है.
ईडी ने बताया कि अवैध खनन से एक तो राजस्व को नुकसान हो ही रहा है, इसके साथ ही पर्यावरण को भी भारी नुकसान हो रहा है. पहाड़ गायब हो रहे हैं, पहाड़ी क्षेत्र समतल होते जा रहे हैं. जमीन की उर्वरता कम हो रही है. ये स्थिति बेहद ही गंभीर है. इन्हीं सब बातों पर गहन विचार-विमर्श के बाद अब सर्वेक्षण कराया जाएगा.
अवैध खनन को लेकर सीएम ने बनाई हाई लेवल जांच टीम
अवैध खनन को रोकने के लिए राज्य सरकार भी गंभीर है. हाल ही में झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने एक हाई लेवल टीम बनाने का निर्णय लिया है, जो अवैध खनन में शामिल अधिकारियों के खिलाफ जांच करेगी. इस बारे में सीएम हेमंत सोरेन ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को एक पत्र लिखा है. इस पत्र के जरिए सीएम ने अवैध खनन और इसके परिवहन में रेलवे पदाधिकारियों की संलिप्तता और अन्य सभी संबंधित बिन्दुओं की जांच के लिए बनाई गई टीम को सहयोग करने के लिए रेलवे अधिकारियों को निर्देश देने का आग्रह किया है.
सीएम ने रेल मंत्री को पत्र में ये लिखा था
इस पत्र में सीएम ने रेल मंत्री को लिखा था कि झारखण्ड में अवैध खनन को बढ़ावा देने में रेलवे और इनके पदाधिकरियों की संलिप्तता प्रतीत होती है और एक साजिश के तहत रेलवे के द्वारा झारखण्ड राज्य के JIMMS पोर्टल से अपने FIOS को integrate नहीं किया जा रहा है और बगैर चालान अथवा फर्जी चालान के आधार पर अवैध रूप से खनिज संपदा का रेल मार्ग से परिवहन किया जा रहा है. ऐसी परिस्थिति में राज्य सरकार के द्वारा अवैध खनन और इसके परिवहन में रेलवे पदाधिकारियों की संलिप्तता और अन्य सभी संबंधित बिन्दुओं की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति के गठन का निर्णय लिया गया है. सीएम ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मुझे आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि आपके द्वारा रेलवे के पदाधिकारियों को इस उच्च स्तरीय जांच समिति को पूरा सहयोग करने के लिए निर्देशित किया जायेगा.
अवैध खनन को रोकने में कितना होंगे सफल
पहले राज्य सरकार ने जांच के लिए टीम बनाया, इसके बाद केंद्र सरकार ने सर्वेक्षण का फैसला लिया और अब सीएम ने गृह मंत्री अमित शाह से राज्य में बंद पड़े खदान का Mines क्लोजर करने की मांग, से साफ जाहिर है कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार अब दोनों ही राज्य में हो रहे अवैध खनन को लेकर गंभीर है. इसके साथ ही ईडी भी अपनी जांच कर रही है. लेकिन इससे भी अवैध खनन को रोकने में कितनी सफलता मिलेगी, ये भी एक बड़ा सवाल है, क्योंकि कई बार अवैध खनन रोकने के लिए प्रयास किये गए, लेकिन बार-बार निराशा ही हाथ लगी है.
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