Ranchi-विधान सभा के अंदर महागामा विधायक दीपिका पांडेय के एक बयान के बाद हंगामा मच गया. हालांकि उसके बाद दीपिका ने अपनी सफाई में कहा कि यदि उनके बयान में किसी असंसदीय भाषा का प्रयोग हुआ हो, तो उसे प्रोसिंडिंग से बाहर कर दिया जाय, दरअसल दीपिका का आरोप था कि भाजपा शासित राज्यों में एक सुनियोजित तरीके से आदिवासी-अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं के साथ शारीरिक-मानसिक हिंसा को अंजाम दिया जा रहा है. मणिपुर से लेकर जहां-जहां भी भाजपा की सरकार है इस समाज की महिलाओं को निर्वस्त्र उनकी अस्मिता के साथ खेला जा रहा है. इसी क्रम में दीपिका के द्वारा शरीर के एक विशेष पार्ट का उल्लेख किया गया और हंगामा की शुरुआत हो गयी, बाद में दीपिका ने सफाई देते हुए कहा कि यदि यह शब्दावलि असंसदीय प्रतीत होता है तो इसे सदन की कार्यवाही के बाहर कर दिया जाय.
भाषण की शुरुआत से ही विष वाणों की बौछार
महागामा विधायक दीपिका का आज जो रौद्र रुप विधान सभा में देखने को मिला, वह बेहद अचरच में डालने वाला था. आम रुप से शांत और संयमित नजर आने वाली दीपिका का गुस्सा आज सातवें आसमान पर था, अपने भाषण की शुरुआत में ही उन्होंने विष वाणों की बौछार कर दी, अभिभाषण से अपनी शुरुआत करते हुए दीपिका ने कहा कि राज्यपाल के द्वारा जिस अंदाज में कल सरकार की उपलब्धियों को रखा जा रहा था, वह कहीं से भी सम्मानजनक प्रतीत नहीं हो रहा था, उनके चेहरे से साफ झलक रहा था कि उनकी आत्मा कुछ और बोल रही है, और जुबान से कुछ और निकल रहा है. इसके बाद दीपिका भाजपा पर टूट पड़ी, दीपिका ने दावा किया कि यह एक सच्चाई है कि आज सदन में भाजपा के जितने नेता बैठे हैं, इसमें से किसी के पास भी आज भाजपा की कमान नहीं है, झारखंड भाजपा तो निशिकांत दुबे के द्वारा हांका जा रहा है. और इसकी पीड़ा यहां बैठे भाजपा के नेताओं को भी सता रही है, अब तो भाजपा के अंदर से विरोध के स्वर उठने लगे हैं. कल ही भाजपा विधायक रणधीर सिंह ने निशिकांत दूबे पर आरोपों का पिटारा फोड़ा है, रणधीर सिंह ने कहा है कि निशिकांत महज पार्टी के सांसद है, वह पूरी पार्टी नहीं है, जिस तरीके से उनके द्वारा कभी 18 विधायक तो कभी 20 विधायक तोड़ने के दावे किये जाते हैं, उससे भाजपा की छवि को नुकसान पहुंच रहा है. लेकिन जिस सच्चाई को रणधीर कुमार सिंह सामने लाने का साहस जुटा रहे हैं, भाजपा के दूसरे नेताओं में वह हिम्मत नहीं हो रही है, सब अपने -अपने मुंह पर ताला लगा कर बैठे हैं. इस दर्द को झेल रहे हैं, क्योंकि यह उनको भी पता है कि निशिकांत सिर्फ भाजपा के सांसद पार्टी और संगठन में उनके रसूख का कारण कुछ और है.
महज 29 विधायकों के साथ सत्ता में आने का ख्वाब पाल रही है भाजपा
इसके बाद भी दीपिका का गुस्सा कम नहीं हुआ, बहुमत साबित करने के दौरान भाजपा नेताओं के बयान पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि 29 विधायक के साथ भाजपा सत्ता में आने का सपना पालती है, जबकि 48 विधायकों के समर्थन के बावजूद हमें विपक्ष में बैठाना चाहती है. जिस राम ने पूरी दुनिया बनाया, बसाया, भाजपा उसी राम को लाने का दावा करती है, साफ है कि सत्ता के अंहकार में डूबी भाजपा अपने आप को राम से भी उपर मान रही है. लेकिन इस अंहकार में डूबी भाजपा यह भूल रही है कि अंहकार ज्यादा दिन साथ नहीं देता, एक दिन इसका हस्श्र बेहद बूरा होता है.
भाजपा में आदिवासी नेता तो हैं लेकिन आदिवासियों का नेता नहीं
अपनी भड़ास निकालते हुए दीपिका ने कहा कि कल इनके नेता इस सदन में इस बात का दावा कर रहे थें कि झामुमो में आदिवासी नेता है, लेकिन आदिवासियों के नेता नहीं, कोई जरा इनसे पूछे कि क्या बाबूलाल आदिवासियों के नेता है, क्या अमर बाउरी दलितो के नेता हैं. इनके पास तो कोई अल्पसंख्यक नेता भी नहीं है, मुख्तार अंसारी भाजपा के नेता है, लेकिन वह कहीं से भी मुस्लिम समाज का नेता नहीं है, यही हालत शहनवाज हुसैन की है. और वह बात वह भाजपा कह रही है, जिस भाजपा को निशिकांत दुबे हांक रहा है.
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