रांची(RANCHI): देश दुनिया में जैसे जैसे तकनीक बढ़ रही है. वैसे ही साइबर का खतरा भी बढ़ता जा रहा है. साइबर अपराधी अपना जाल गरीब से लेकर बड़े अधिकारी तक फेकने से परहेज नहीं कर रहे है. कई जगह पर तो अपराधी कामयाब हो जाते है तो कही उन्हे औंधे मुह खानी पड़ती है.अगर हाल की बात करें तो झारखंड में आईएएस अधिकारियों को साइबर अपराधी निशाने पर लिए हुए है. कभी Facebook तो कभी व्हाट्सअप पर फर्जी आईएएस अधिकारी का अकाउंट बना कर लोगों को ठगने का काम कर रहे है.
साइबर अपराधियों का मनोबल इस कदर बढ़ गया है कि रांची डीसी,देवघर डीसी और लातेहार डीसी का फर्जी व्हाट्सअप अकाउंट बना कर लोगों को मैसेज भेज कर पैसे की डिमांड की जा रही है. पहले देवघर डीसी के नाम से फोटो लगाकर व्हाट्सअप अकाउंट बनाया. बाद में देवघर के कई लोगों को मैसेज भेज कर कई तरह की बाते करने लगा. इसके बाद फिर सीधे कुछ पैसे है वाला शब्द सामने आया. जिसके बाद इसकी जानकारी डीसी तक पहुंची और बाद में इस मामले में शिकायत दर्ज कराई गई है. इसके अलावा रांची डीसी राहुल कुमार सिन्हा के नाम से भी साइबर अपराधी व्हाट्सअप का संचलन कर रहे है.
व्हाट्सअप अकाउंट में राहुल कुमार सिन्हा की फोटो लगाई है. उसके बाद कई लोगों को मैसेज भेज कर बात चीत शुरू कर दी. यहाँ भी कुछ देवघर के जैसा ही देखने को मिला. राहुल कुमार सिन्हा के नाम से बना व्हाट्सअप अकाउंट के जरिए कई लोगों को मैसेज भेजा गया. 7874086569 नंबर से व्हाट्सअप किया जा रहा है. इस मामले को लेकर डीसी ने लोगों से अपील किया है कि किसी को मैसेज आए तो उसे रिपोर्ट कर दे. ऐसे साइबर अपराधियों के झांसे में ना पड़े. राहुल कुमार सिन्हा ने अपील किया है कि किसी भी कीमत पर कोई लेनदेन ना करें. जैसे ही मैसेज आए उसे रिपोर्ट कर ब्लॉक कर दें.
रांची डीसी के बाद IAS गरिमा सिंह के नाम से साइबर अपराधियों ने व्हाट्सअप अकाउंट बना कर भी पैसे की डिमांड की जा रही है. कई तरह का हवाला दिया जा रहा है कि परेशानी में है. गरिमा सिंह का भी व्हाट्सअप 7874086569 से बनाया गया है. इससे साफ है कि जो भी अपराधी FAKE अकाउंट बना रहा है वह कोई अलग अलग नहीं है. बल्कि एक ही है कभी राहुल कुमार सिन्हा तो कभी गरिमा सिंह के नाम पर प्रोफाइल को बदल रहा है. जिला प्रशासन की ओर से खास अपील की गई है कि किसी तरह के बहकावे में ना पड़े. ऐसे मैसेज आने पर उसे इग्नोर करें. या फिर रिपोर्ट कर ब्लॉक कर दे.
साइबर अपराधियों से बचने का एक ही तरीका है कि उनके झांसे में ना पड़े.जागरूकता ही इससे बचाव का एक मात्र उपाय है. कभी बैंक अधिकारी तो कभी खुद को आईएएस अधिकारी बना कर ठगी का नया ट्रेंड शुरू हो गया है.एक बड़ी चुनौती पुलिस के समक्ष है कि ऐसे लोगों को कैसे सलाखों के पीछे भेजे. हर दिन कई साइबर अपराध से जुड़े मामले में गिरफ़्तारी होती है लेकिन यह धंधा रुखने का नाम नहीं ले रहा है. अगर किसी को साइबर फ्रॉड होने का शक भी होता है तो 1930 पर इसकी जानकारी तुरंत दे. जागरूक बने
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