बगहा (BAGHA) : बढ़ते बाघों की संख्या एक उपलब्धि जरूर है मगर इससे कई दिक्कतें भी सामने आ रही हैं, जिसका निवारण निकालना काफी जरूरी है. बता दें जहां एक तरफ बीटीआर के अलग-अलग डिवीजन में रॉयल बंगाल टाइगर की संख्या कुल मिलाकर 50 से हो गई है. जो की अपने आप में एक राष्ट्रीय उपलब्धि है. 1994 में अपनी स्थापना के बाद बीटीआर के जंगलों में सन 2008 में बाघों की कुल संख्या 88 की गई थी, जो 14 साल के अंदर 2022 में 6 गुनी वृद्धि के बाद 50 का आंकड़ा पार कर चुकी है. वही दूसरी तरह जंगल क्षेत्र से सटे रिहायशी इलाकों में बाघों के विचरण करने से कई बार हिंसक घटनाएं हो जाती हैं.
लोगों की जान को खतरा
बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है इसे लेकर पर्यटकों को आए दिन बाघ का दीदार हो जाता है. लेकिन कई दफा जब ये बाघ जंगल से बाहर भोजन की तलाश में बाहर निकलते हैं तो ये आम लोगों के लिए ही खतरनाक साबित होते हैं. उस दौरान किसानों के मवेशियों को अपना निवाला बनाते हैं. ऐसी ही एक लाइव तस्वीर वीटीआर वन क्षेत्र से आई है जहां बाघ एक गाय को जंगल में खींच कर ले जा रहा है. हालांकि यह पता लगाना काफी मुश्किल है की बिहार यूपी और नेपाल सीमा में पड़ने वाले वन क्षेत्र के किस हिस्से की यह तस्वीर है.
जानवरों को खतरा
बाघ के द्वारा एक गाय को जंगल के अंदर खींचते हुए वीडियो 26 सेकंड का है. जिसमें बाघ अपने से एक बड़े गाय को खींचते हुए नजर आ रहा है. जिससे देखकर यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह कितना ताकतवर होता है. जंगल के आसपास बसे इलाके के पशुपालक अपने मवेशियों को जंगल किनारे चराने के लिए ले जाते हैं , जहां खुला सीमा होने के कारण मवेशी जंगल के भीतर चले जाते हैं. भोजन की तलाश में बाघ , तेंदुआ समेत अजगर अन्य जानवरों को अपना शिकार बनाते हैं. जिससे इलाके में भय का माहौल बना रहता है.
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