बेगूसराय (BEGUSARAI) : एक बार फिर BJP के कद्दावर नेता एवं राज्य सभा सांसद राकेश सिन्हा ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने भ्रष्टाचार से लेकर राहुल के विदेश यात्रा तक कई सवाल उठाए. सांसद ने काँग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार में निजी मेडिकल कॉलेजों को बिना शर्तें मान्यता दी गई. मेडिकल की पढ़ाई करना आसान नहीं होता है. एक बार फिर चिकित्सक मनुष्य के जान बचाने का काम करते हैं, लेकिन मेडिकल कॉलेजों में न्यूनतम सुविधाएं भी उपलब्ध ना हो तों अच्छे चिकित्सक कैसे बन सकेंगे. उन्होंने कहा की सिर्फ भ्रष्टाचार के आधार पर उन कॉलेजों को स्थापित कर दिया जाए इसलिए सरकार ने उन मेडिकल कॉलेजों को नोटिस भेजा है. उन्होनें आगे कहा कि बिना फैकेल्टी और बिना सुविधा के ऐसे कॉलेज बच्चों से मोटी फीस की वसूली करते है लेकिन बच्चों को पढ़ाने के लिए फैकेल्टी भी पूरा नहीं है
राहुल गांधी तोड़ने का काम कर रहे हैं- राकेश सिन्हा
राकेश सिन्हा ने राहुल गांधी द्वारा विदेश में दिए गए बयानों पर निशाना साधते हुए कहा कि इस देश में जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने जिस परंपरा को नहीं तोड़ा है उस परंपरा को राहुल गांधी तोड़ने का काम कर रहे हैं. राकेश सिन्हा ने कहा कि राहुल गांधी न सिर्फ कांग्रेस की परंपरा को तोड़ रहे हैं बल्कि देश की परंपरा को भी तोड़ने का काम कर रहे हैं. विदेश की धरती पर जाकर कटुता बड़ी राजनीति करने का काम राहुल गाँधी द्वारा किया जा रहा है. उन्होने कहा की इस देश की चौहद्दी इतनी बड़ी है कि हमें यदि हमें राजनीतिक कुश्ती लड़नी है तो हम राजनीतिक कुश्ती यहाँ रहकर लड़ सकते हैं.जबकि राहुल गांधी ने कुश्ती लड़ने के लिए पेरिस, लंदन को चुना है. यह राहुल गांधी की विदेश परसती को देर्शाता है. यह दिखाई पड़ता है कि राहुल गांधी को विदेश के प्रति कितना आकर्षण है.
भारत के लोकतंत्र पर प्रहार
राहुल गांधी द्वारा विदेश में जाकर मोदी के खिलाफ बोलने वाले मामले को लेकर राकेश सिंह ने कहा कि राहुल गांधी मोदी का विरोध नहीं कर रहे हैं बल्कि भारत के लोकतंत्र पर प्रहार कर रहे हैं. मोदी जी जहां दुनिया को यह बता रहे हैं कि मुजफ्फरपुर का लीची, वैशाली का गणतंत्र दुनिया का सबसे प्राचीनतम गणतंत्र है वहीं राहुल गांधी इस देश के लोकतंत्र का गणतंत्र का विदेशों में जाकर मजाक बना रहे हैं. इसको देश की जनता माफ नहीं करेगी यह राहुल गांधी के अल्प बौद्धिकता और भारत के राजनीतिक परंपरा को नहीं समझने का परिणाम है.
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