पटना(PATNA): छपरा में जहरीली शराब से हुई मौत का जांच करने आई नेशनल ह्यूमन राइट कमीशन के बिहार आने से राजनीति गरमा गई है. पूरा विपक्ष ह्यूमन राइट कमीशन के दौरे को राजनीतिक दौरा बता रही है. कांग्रेस ने कहा है की भारत सरकार कई संवैधानिक संस्था को दबाब लेने के बाद अब मानवाधिकार आयोग को दवाब में लेकर बिहार के शराब कांड का जांच कराना चाहती है. लेकिन गुजरात में पुल हादसे में सैंकड़ों की मौत हुई पर किसी का मुंह नहीं खुला. यूपी और एमपी में संकड़ों की जान जहरीली शराब से हुई लेकिन जांच नहीं किया. और बिहार में बिना सूचना के मानवाधिकार की टीम आ गई.
आरजेडी का केंद्र सरकार से सवाल
वहीं आरजेडी ने केंद्र सरकार से सवाल किया की क्या मानवाधिकार की टीम भाजपा अधिकार की टीम बन गई है. क्या संवैधानिक आयोग की टीम भाजपा के इशारे पर चलेगी ,सबसे जायदा मौत बीजेपी शासित राज्य में होता है पर वहाँ कोई जांच नहीं होती है.
छपरा में जहरीली शराब से हुई मौत का अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC ) जांच करेगी. इसको लेकर मंगलवार को NRCH की 10 सदस्यीय टीम पटना पहुंची. पटना एयरपोर्ट से NHRC की टीम छपरा के लिए रवाना हो गई. जहरीली शराब हुई मौत के बाद नीतीश सरकार को हाल ही में NHRC ने नोटिस जारी किया था. NHRC की टीम बिहार के अन्य जिलों में जाकर जांच करेगी. इसके तहत आयोग यह जानेगी कि जो पीड़ित हैं उनका इलाज कहाँ हो रहा है. उन्हें किस तरह की स्वास्थ्य सुविधा दी जा रही है. इसके बाद एनएचआरसी टीम आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
सरकारी आंकड़े में केवल 38 लोगों की मौत
रेपोर्ट्स के अनुसार, सीवान जिले में पांच व्यक्तियों और बेगूसराय जिले में एक व्यक्ति की मौत की सूचना मिली थी, वहीं 14 दिसंबर, 2022 को छपरा में 73 लोगों की मौत की सूचना मिली थी. लेकिन सरकारी आंकड़ों में केवल 38 लोगों की मौत बताई गई है. अब इस मामले में NHRC ने चार हफ्ते में मुख्य सचिव और डीजीपी से रिपोर्ट मांगी है.
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