नालंदा (NALANDA) : बिहार में जितना ही शराब को लेकर कानून बनाए जा रहे हैं उतना ही लोग इस कानून की धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं. बिहार में शराब बंदी कानून को सख्त बनाने के लिए पुलिस और प्रशासन हर एक मुमकिन प्रयास कर रही है, मगर लगातार विफल है. आए दिन शराब तस्कर पकड़ा रहे हैं. प्रत्येक दिन दर्जनों लोग गिरफ्तार किया जा रहे हैं. बिहार में धड़ल्ले से शराब की बिक्री हो रही है और इसे पीने वाले की भी कमी नहीं है. वहीं ताजा मामला बिहार शरीफ अनुमंडल कार्यालय परिसर का है जहां परिसर में 50 से अधिक शराब की खाली बोतल और रैपर पाया गया है. इतना ही नहीं इसके अलावा संदिग्ध इंजेक्शन भी फेका हुआ है. वहीं शहर के कई सरकारी कार्यालय परिसर में ऐसी स्तिथि देखने को मिली है.
अफसर और बड़े लोगों के लिए शराबबंदी नहीं
वहीं इस मामले में स्थानीय जन प्रतिनिधि का कहना है की सिर्फ गरीबों के लिए शराब बंदी है अफसर और बड़े लोगों के लिए शराबबंदी नहीं है. वहीं एसडीओ ने कहा अनुमंडल कार्यालय में जो शराब की खाली बोतल है इसकी जांच टीम बनाकर कराई जाएगी और पूरे कैम्पस को सेनिटाइज कराया जाएगा. ऐसे में अब देखना ये है की पुलिस इसमें क्या कुछ कार्रवाई करती है.
2016 से बंद है बिहार में शराब, फिर भी हो रही घटनाएं
बिहार में 2016 से शराबबंदी लागू किया गया. महिलाओं ने 2015 में इसकी मांग की थी जिसके बाद शराबबंदी कानून बिहार में लागू हुआ. शराबबंदी को लेकर अभियान चलाया गया. इसके बावजूद शराब से जुड़े मामले थमने का नाम नहीं ले रही है. शराब तस्कर का मामला भी बढ़ता जा रहा है. इससे ये साफ है कि बिहार सरकार इस कानून को चलाने में पूरी तरह ये विफल है.
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