किशनगंज(KISHANGANJ): भले ही इन दिनों बिहार की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से वरीय मुख्य सचिव केके पाठक नई-नई तकनीक अपनाकर शिक्षा व्यवस्था को सुधार करने में लगे हैं. लेकिन हम नहीं सुधरेंगे के तर्ज पर शिक्षक स्कूलों से परीक्षा केंद्रों में प्रतिनियोजन कर विभाग के आंखों में धूल झोंककर रहे हैं. और परीक्षा केंद्रों में तैनात रहते हुए घर मे आराम फरमाते नजर आ रहे है.
परीक्षा केंद्रों से नदारद दिखे टीचर
ताजा मामला किशनगंज जिला मुख्यालय से पांच किलोमीटर दूर उत्क्रमित उच्च विद्यालय गाछपाड़ा में देखने को मिला. जहां पर बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड पटना की ओर से मौलबी की परीक्षा संचालित किया जा रहा है. इस स्कूल में कुल 504 परिक्षार्थीयों में से 486 परिक्षार्थी परीक्षा में सम्मिलित हुए. वहीं स्कूल के दस कमरों में परीक्षा का संचालन किया जा रहा है.
परीक्षा केंद्र छोड़ घरों में आराम करते दिखे शिक्षक
इस परीक्षा में वीक्षक के रूप में 60 शिक्षकों की तैनाती की गयी थी. जो जरूरत से अधिक है. इस विद्यालय में कुल 19 शिक्षक पदस्थापित है. बाकी 41 शिक्षकों को विभिन्न स्कूलों से मंगवाया गया है. लेकिन आधे से अधिक शिक्षक परीक्षा में जाने की जगह घर पर आराम फरमाते नजर आते है. क्योंकि इन्हें केंद्राधीक्षक का संरक्षण प्राप्त है. वहीं इसको लेकर स्थानीय लोग नाराजगी जाहिर करते हुए सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि एक तो बिहार में शिक्षकों की कमी, दूसरी तरफ अन्य विद्यालयों से शिक्षकों को निकालकर,एक ही स्कूल के परीक्षा डियूटी में लगाया जाना. सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के भविष्य के साथ विभाग खिलवाड़ है. जबकि केंद्राधीक्षक मुफीद रहमान ने कहा कि परीक्षा सफलता पूर्वक संचालन हो. इसके लिए अधिक से अधिक शिक्षकों को बुलाया जाता है. केंद्राधीक्षक परीक्षा डियूटी से गायब शिक्षकों का बचाव करते नजर आये. उन्हें पता नहीं है वर्तमान में 60 शिक्षकों में से कितने शिक्षक आज उपस्थित है.
तैनात 60 शिक्षकों में से मात्र 20 शिक्षक रहे उपस्थित
वहीं मौके पर मजिस्ट्रेट की रूप में तैनात प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कुमारी सुनैना ने कहा कि वतर्मान में 60 शिक्षकों में से मात्र 20 शिक्षक उपस्थित है. अनुपस्थित 40 शिक्षकों के बारे में पूछने पर केंद्राधीक्षक से पूछने का हवाला दे रही है. जब मामले को लेकर किशनगंज जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री से पूछा गया तो उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए,जिला शिक्षा पदाधिकारी को जांच करने का आदेश दिया साथ ही उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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