भागलपुर (BHAGALPUR) : बिहार में आए आंधी-पानी से जहां एक तरफ लोगों को थोड़ी गर्मी से राहत मिली वहीं दूसरी तरफ किसानों को भारी नुकसान हुआ है. इस बार आम और लीची की फसल ठीक-ठाक थी किसानों को अच्छा खासा मुनाफा होने की उम्मीद थी. लेकिन आंधी-पानी के महज डेढ़ घंटे के अंतराल में इलाके के कई किसान भारी कर्ज में डूब कर कर्जदार हो गए हैं. आम लीची टूट कर जमीन पर गिर गए है. आंधी का प्रभाव महज एक से डेढ़ घंटे तक रहा लेकिन यह कितना जोरदार और चक्रवाती था कि देखते ही देखते किसानों के फल नहीं मानो सपने जमीन पर गिर गए. त्योहार के समय में यही उनकी पूंजी थी अब ऐसे में किसानों के आमदनी में भारी नुकसान हुआ हैं.
फूट-फूट कर रोए किसान
दूसरी तरफ केला बागानों में केले की फसल ने जमीन पकड़ ली है. सुबह बागानों में कई किसान फूट-फूटकर रो रहे थे. मालूम हो कि इलाके के तीज त्योहारों में तभी रंगत रहती है जब आम लीची और केले की अच्छी फसल होती है. लेकिन किसानों के अरमानों पर पानी फिर गया है. बिहपुर के सोनवर्षा, मिल्की, झंडापुर, जयरामपुर, बभनगामा, नारायणपुर के नागरपारा, बीरबन्ना, बलाहा, खरीक के तेलघी, कठैला, ध्रुवगंज, तुलसीपुर, नवगछिया के जमुनियां, तेतरी, पकरा आदि अन्य गांवों के किसानों की हालत एक जैसी है.
सौ कुंतल आम जमीन पर
लीची और आम के समय मे बागान खरीद कर व्यापार करने वाले व्यपारियों को भी बड़ा घाटा हुआ है. तेतरी निवासी किसान किशुनदेव राय ने कहा कि पांच रुपया सैकड़े की दर से उसने चार लाख रुपये कर्ज लेकर बागान की खरीददारी की थी. करीब सौ कुंतल आम जमीन पर आ गया है. जो आम दस दिन बाद 40 रुपया किलो के हिसाब से बिक्री होती अभी पांच रुपये किलो के हिसाब से कोई खरीददार नहीं मिल रहा है. तेतरी निवासी किसान पप्पू कुमार सिंह ने कहा कि आधा से ज्यादा फल जमीन पर आ गया है. ऐसी स्थिति में अब किसानी घाटे का सौदा बन गया. निराई गुराई में जो लागत आयी वह भी निकलना मुश्किल है.
गहरे कर्ज में डूबे किसान
किसान वशिष्ठ कुमार सिंह ने कहा कि भागलपुर नवगछिया में कई ऐसे किसान हैं जो गहरे कर्ज में डूब गए हैं और सुबह से मायूस हैं. स्थानीय प्रशासन को पहल कर क्षति का आकलन करना चाहिए और किसानों के बीच समुचित मुआवजे का वितरण करना चाहिए. पकरा के दौनिया टोला निवासी किसान विजय कुमार उर्फ बबलू कुमार , तुलसीपुर के किसान सबलू कुमार, जमुनियां के विजेंद्र शर्मा, जयरामपुर के ललन कुमार समेत बड़ी संख्या में किसानों ने प्रशासन से समुचित मुआवजे की मांग की है.
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